वाशिंगटन, अमेरिका: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ अमेरिका में भी आवाज उठने लगी है। वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे जुल्म के विरोध में प्रदर्शन किया। यह आंदोलन इस बात का संकेत है कि वैश्विक समुदाय बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक हिंसा पर गंभीर चिंता जताता है।
अमेरिकी सांसदों की अपील
भारतीय मूल के दो प्रमुख अमेरिकी सांसदों, श्री थानेदार और राजा कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों के प्रति अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष भी उठाया है।
सांसद श्री थानेदार ने एंटनी ब्लिंकन को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जारी हिंसा की निंदा करना केवल उनका ही दृष्टिकोण नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साझा रुख है। उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया है कि बांग्लादेश में हिंसा और अस्थिरता समाप्त करने में सहायता प्रदान की जाए और सताए गए बांग्लादेशी हिंदुओं को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए।
सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक हिंसा और अस्थिरता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अमेरिका को अब नई अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि हिंसा को समाप्त किया जा सके और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा का बढ़ना अमेरिका और उसके सहयोगियों के हित में नहीं है।
विडियो देखें…
#WATCH | The US: A large number of people gathered and protested outside the White House in Washington, DC, on 10th August, against the recent attacks on Hindus in Bangladesh. pic.twitter.com/YihvVS91bl
— ANI (@ANI) August 11, 2024
बांग्लादेश में स्थिति
बांग्लादेश में हिंसा का यह दौर तब शुरू हुआ जब 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। इस समय के बाद से, बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक हिंदुओं को हमलों का सामना करना पड़ा है। हिंदू संगठनों के अनुसार, इन घटनाओं में हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई है, महिलाओं पर हमला किया गया है और हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई है। हिंसा से बचने के लिए हज़ारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं।