बजट 2024 प्रतिक्रियाएं लाइव: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार (1 फरवरी) को अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं. अंतरिम बजट को इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है. ऐसे में बजट से मध्यम वर्ग, किसानों और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं.
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘’सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था/ कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी.’’
वहीं इस बीच न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चालू वित्त वर्ष में आय और कॉरपोरेट कर संग्रह में उछाल दिख रहा है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष करों से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट लक्ष्य रखा था. 10 जनवरी, 2024 तक कर संग्रह 14.70 लाख करोड़ रुपये हो चुका था, जो बजट अनुमान का 81 प्रतिशत है.
किसान संगठनों ने क्या मांग की?
अंतरिम बजट पेश होने से एक दिन पहले बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को ‘‘सी2+50 प्रतिशत’’ फॉर्मूले के आधार पर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने को कहा.
किसान संगठनों के प्रमुख निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बयान में कहा, ” योजना के तहत 6,000 रुपये दिए जाने के बावजूद एमएसपी गणना फॉर्मूला नहीं बदले जाने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है तो किसान आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देनेकी घोषणा करेंगे.
बता दें कि निर्मला सीतारमण लगातार छठी बार बजट पेश करेंगी. आम तौर पर कहा जाता है कि कि अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है.
इनपुट भाषा से भी.
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