नई दिल्ली, 31 जनवरी। संसद का बजट सत्र 2025 आज से शुरू हो रहा है, और पहले ही दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के आसार बन चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के साथ इस सत्र की औपचारिक शुरुआत होगी, जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश करेंगी। लेकिन असली सियासी घमासान तब देखने को मिलेगा जब एक फरवरी को आम बजट 2025-26 पेश किया जाएगा।
महाकुंभ हादसा बनेगा बहस का केंद्र?
सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने के संकेत दे दिए हैं। प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने चर्चा की मांग की। सरकार का जवाब था—“यह राज्य का विषय है”, लेकिन विपक्ष का हमला जारी रहा। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में यह स्पष्ट कर दिया कि चर्चा का निर्णय कार्यमंत्रणा समिति करेगी। बावजूद इसके, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ को “राजनीतिक रंग देने” का आरोप लगाया, जबकि सपा सांसद राम गोपाल यादव ने “आम तीर्थयात्रियों के साथ भेदभाव” का मुद्दा उठाया।
संसद में गरमाएंगे ये मुद्दे!
इस बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार के कई मोर्चे तैयार हैं:
- बेरोजगारी और महंगाई: विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इन गंभीर आर्थिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही।
- किसान आंदोलन: कृषि क्षेत्र में सुधारों और एमएसपी को लेकर बहस होने की पूरी संभावना है।
- विधेयकों की लड़ाई: सरकार इस सत्र में वक्फ और इमिग्रेशन समेत 16 विधेयकों को पेश करेगी, लेकिन विपक्ष की रणनीति इन्हें रोकने की रहेगी।
- राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट: क्या सरकार आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए बड़े ऐलान करेगी? या यह महज एक चुनावी बजट होगा?
सियासी चालें और समीकरण
बैठक के दौरान किरण रिजिजू ने विपक्षी नेताओं से सदन को सुचारू रूप से चलाने का अनुरोध किया। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि विपक्ष की रणनीति सरकार पर दबाव बनाने की होगी। राजनाथ सिंह ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने महाकुंभ मुद्दे पर अड़कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दीं।
बजट 2025: क्या बदल जाएगा गणित?
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब आम बजट पेश करेंगी, तो सभी की नजरें इस पर होंगी कि सरकार रोजगार, महंगाई और घरेलू बाजार में मांग बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाती है। माना जा रहा है कि यह बजट 2024 लोकसभा चुनाव के बाद का सबसे महत्वपूर्ण बजट होगा और इसमें सरकार बड़े आर्थिक सुधारों की घोषणा कर सकती है।
संसद का रण तैयार!
बजट सत्र की हर कार्यवाही पर देशभर की नजरें होंगी। क्या सरकार विपक्ष को जवाब देने में सफल होगी, या फिर विपक्ष हंगामे के बल पर सत्र को बाधित करेगा? यह सत्र आने वाले राजनीतिक परिदृश्य का रुख भी तय कर सकता है। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी अपनी सियासी चालों में बाजी मारती है और कौन मात खाता है!