केरल: वायनाड लोकसभा उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जनता को बेहतर भविष्य का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी। उनके साथ उनके भाई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे, जिन्होंने वायनाड में भूस्खलन के पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रियंका गांधी का जनता को भरोसा
करीपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रियंका ने कहा, “मैं वायनाड लौटकर बहुत खुश हूं। यह क्षेत्र मेरे लिए खास है और यहां के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए जो भी कर सकती हूं, वह करूंगी।” प्रियंका का यह बयान क्षेत्र की जनता को उनके प्रति उनके समर्पण का संकेत देता है।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने मुक्कम में आयोजित जनसभा में अपनी बहन के साथ वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस और यूडीएफ कार्यकर्ताओं से पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से हमारी सरकार नहीं है, लेकिन हमें जो बन सके, वह करना चाहिए। मैं हर सदस्य से कहता हूं कि वे भूस्खलन पीड़ितों के समर्थन में खड़े हों।”
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार वायनाड के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है। राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री भारत के नागरिकों के बजाय उद्योगपतियों को तरजीह दे रहे हैं। संविधान सभी के साथ समान व्यवहार का आदेश देता है, लेकिन मोदी सरकार अदाणी के खिलाफ आरोपों को भी नजरअंदाज कर रही है।”
प्रियंका गांधी का वायनाड में जोरदार स्वागत
प्रियंका गांधी के वायनाड दौरे के दौरान कई स्वागत समारोह आयोजित किए गए। पार्टी की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, मुक्कम के अलावा वह कोझिकोड जिले के थिरुवंबाडी और मलप्पुरम जिले के एरानाड, नीलांबुर और वंदूर क्षेत्रों का दौरा करेंगी।
उपचुनाव में प्रियंका की ऐतिहासिक जीत
प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में 4,10,931 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। यह उनका पहला चुनाव था, जिसमें उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी के पिछले जीत के अंतर को भी पीछे छोड़ दिया।