प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक के निजी स्कूलों के नियमित निरीक्षण के आदेश का चिड़ावा में निजी शिक्षण संस्थान के संचालकों द्वारा विरोध किया गया है। शिक्षा निदेशक के आदेश से असहमत निजी शिक्षण संस्थान संघ के सदस्यों ने आज चिड़ावा एसडीएम बृजेश कुमार गुप्ता को ज्ञापन देकर प्रारम्भिक शिक्षा के अधिकारियों पर जांच के नाम पर स्कूल संचालकों को परेशान करने का आरोप लगाया है।
एसडीएम को दिए ज्ञापन में निजी शिक्षण संस्थान संघ द्वारा कहा गया है कि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक का यह आदेश मनमाना है और इससे प्रारंभिक शिक्षा के अधिकारियों को 100 दिन की कार्य योजना के नाम पर भ्रष्टाचार करने की छूट मिल गई है। संघ ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के नियमित जांच के आदेश पर आपत्ति जताते हुए ज्ञापन में बताया है कि सीएम पोर्टल पर शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्य योजना के 37 बिन्दुओं में भी यह शामिल नहीं है, और इसे निरस्त किया जाना चाहिए।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक का वह आदेश जिस पर निजी शिक्षण संस्थान आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं।



संघ के सदस्यों का तर्क है कि व्यवस्था लागू होने से आज तक मान्यता नियमों व प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर हुए बदलाव तथा अन्य विभागीय मापदंडों और छूट से सम्बन्धित निजी शिक्षण संस्थान की समस्त जानकारी आरटीई पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड की जाती है, जिनका समय-समय पर विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया जाता है। ऐसे में इस तरह की व्यवस्था से भ्रष्टाचार बढ़ेगा और इंस्पेक्टर राज कायम हो जायेगा।
निजी शिक्षण संस्थान संघ चिड़ावा के सदस्यों ने ज्ञापन में कई तकनीकी पहलुओं का उल्लेख करते हुए तत्काल प्रभाव से प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक के आदेशों को निरस्त करने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल
एसडीएम बृजेश कुमार गुप्ता को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में निजी शिक्षण संस्थान संघ के रामसिंह नेहरा, राजेन्द्र झाझड़िया, सुनिल डांगी, राजेन्द्र गोरखा, अनिल गुप्ता, मनोज कुमार जांगिड़, संजय पूनिया, भंवरलाल सैनी, रणसिंह थालोर, संदीप भावड़िया, अनिल शर्मा, उतम, जितेन्द्र चौधरी सहित अन्य सदस्य शामिल थे।