जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार, 6 जून को पहली बार घाटी के दौरे पर पहुंचे। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने रियासी जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल ‘चिनाब ब्रिज’ का भव्य उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने तिरंगा हाथ में लेकर चिनाब नदी पर बने इस ऐतिहासिक पुल पर पैदल चलकर पुल को देश को समर्पित किया। चिनाब ब्रिज भारतीय इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है, जिसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से भी अधिक है।
इस भव्य उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने न सिर्फ कश्मीर के विकास को रेखांकित किया, बल्कि पाकिस्तान को सीधे शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा,
“पाकिस्तान ने पहलगाम में इंसानियत और कश्मीरियत पर निहायत निंदनीय हमला किया है। जो भी कश्मीर के विकास को रोकने की कोशिश करेगा, उसे सबसे पहले नरेंद्र मोदी का सामना करना पड़ेगा।”

पाकिस्तान पर तीखा हमला, आतंकी मानसिकता की निंदा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह न केवल आतंक को बढ़ावा देता है, बल्कि गरीबों की रोटी और रोजगार का भी दुश्मन है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की जनता अब आतंक नहीं, तरक्की चाहती है, और भारत सरकार हर कश्मीरी को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: इनकार और पुरानी रट
प्रधानमंत्री मोदी के तीखे बयान के बाद पाकिस्तान की सरकार में घबराहट साफ दिखाई दी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर पीएम मोदी के आरोपों को ‘झूठा और भ्रामक’ बताया। मंत्रालय ने कहा,
“भारत के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो झूठे और गुमराह करने वाले बयान दिए हैं, पाकिस्तान उन्हें पूरी तरह खारिज करता है।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि भारत के ऐसे बयान दुनिया का ध्यान असली मुद्दों से हटाने की कोशिश हैं और उन्होंने पीएम मोदी पर बिना सबूत पाकिस्तान को पहलगाम हमले के लिए दोषी ठहराने का आरोप लगाया।
कश्मीर मुद्दे पर फिर दोहराई पुरानी गीदड़भभकी
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर ‘विवादित क्षेत्र’ करार देते हुए कहा कि इसका अंतिम फैसला संयुक्त राष्ट्र और कश्मीरी जनता की इच्छा के अनुरूप होना चाहिए। पाकिस्तान ने भारतीय प्रशासित कश्मीर (IOJK) में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाते हुए कहा कि
“वहां भारी संख्या में फौज तैनात है, लोगों की आज़ादी छीनी जा रही है, और बिना वजह गिरफ्तारियां हो रही हैं।”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक शक्तियों से भारत के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि वे सुनिश्चित करें कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार मिले।
“हम कश्मीर के लोगों के हक और सम्मान की लड़ाई में हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।”
विश्लेषण: आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा। चिनाब ब्रिज का उद्घाटन न केवल एक बुनियादी ढांचे की उपलब्धि है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब कश्मीर को विकास और विश्वास के रास्ते पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।