नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को संबोधित करने के अगले ही दिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह पंजाब के जालंधर स्थित आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। यह दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया था, जिसकी किसी को पूर्व जानकारी नहीं थी।
आदमपुर एयरबेस को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सबसे सक्रिय वायुसेना ठिकानों में गिना गया है। यही वह एयरबेस है जिसे लेकर पाकिस्तान ने झूठा दावा किया था कि वह भारतीय हमले में क्षतिग्रस्त हुआ है।

सेना के जवानों से मिले पीएम, बढ़ाया हौसला
एयरबेस पर पहुंचकर प्रधानमंत्री ने वायुसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला अफज़ाई की। उन्होंने बहादुर जवानों से बातचीत कर उनके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री के अनुसार, “इन निडर योद्धाओं के साथ समय बिताना एक अत्यंत विशेष अनुभव रहा।”
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी इसकी जानकारी साझा की और लिखा:
“आज सुबह मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए हर काम करते हैं।”
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi, members of the Armed Forces chant 'Vande Mataram' & 'Bharat Mata Ki Jai'
— ANI (@ANI) May 13, 2025
Earlier this morning, PM Modi went to Air Force Station Adampur and met brave air warriors and soldiers. pic.twitter.com/5M5oa67a94
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई आतंकवाद विरोधी नीति की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन फिलहाल स्थगित किया गया है, लेकिन खत्म नहीं।
उन्होंने चेताया:
“पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि या सैन्य दुस्साहस को देखते ही, भारत माकूल और मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल को सहन नहीं करेगा।”

पाकिस्तान और अमेरिका को मिला स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री का यह बयान केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं था। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी संदेश दिया, जो संघर्ष विराम का श्रेय ले रहे हैं। साथ ही, उन्होंने देश के भीतर उठ रही राजनीतिक आवाजों को भी जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से तनाव कम करने की गुहार लगाई और इसके तहत पाकिस्तान की सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क साधा। पाकिस्तान ने आतंकवादी गतिविधियों से परहेज करने की गैर-लिखित गारंटी दी, जिसके बाद भारत ने फिलहाल ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का निर्णय लिया।