Tuesday, June 17, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी के साइप्रस दौरे में दिखी भारतीय संस्कृति की वैश्विक छाप, साइप्रस सरकार ने दिया सर्वोच्च सम्मान

निकोसिया/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साइप्रस दौरे के दौरान एक ऐसा क्षण सामने आया, जिसने भारतीय संस्कृति की गरिमा और उसकी वैश्विक स्वीकृति को पूरे विश्व के सामने स्थापित कर दिया। निकोसिया सिटी काउंसिल की सदस्य माइकेला किथ्रियोटी म्हलापा (Michaela Kythreoti Mhlapa) ने ऐतिहासिक सेंटर ऑफ निकोसिया में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक भारतीय शैली में स्वागत करते हुए उनके चरण स्पर्श किए। यह दृश्य वहां उपस्थित सभी लोगों को आश्चर्य और भावुकता से भर देने वाला था।

प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस दौरे पर जब ऐतिहासिक केंद्र पहुंचे, तो वहां पारंपरिक अंदाज़ में स्वागत की व्यवस्था की गई थी। भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी इस आत्मीयता ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि भारत की विनम्रता और संस्कार अब वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे हैं।

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की प्रतिक्रिया: भारत के मूल्यों की गूंज

इस दृश्य पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,

“यह दिल को छू लेने वाला क्षण दिखाता है कि भारत के शाश्वत सांस्कृतिक मूल्य — विनम्रता, श्रद्धा और सम्मान — अब दुनिया भर में गूंज रहे हैं। पीएम मोदी की गरिमामयी प्रतिक्रिया भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और आदर का प्रतीक है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं भी इस आत्मीय अभिवादन पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह क्षण माइकेला की भारतीय संस्कृति के प्रति समझ और सम्मान को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि भारत और साइप्रस के बीच एक गहरे सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।

साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला पीएम मोदी को

इस अवसर पर साइप्रस सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को Grand Cross of the Order of Makarios III से सम्मानित किया। यह सम्मान साइप्रस के पहले राष्ट्रपति मकारियोस तृतीय के नाम पर है और इसे केवल राष्ट्राध्यक्षों को ही दिया जाता है।

सम्मान प्राप्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:

“यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का है। मैं इसे भारत और साइप्रस के बीच मैत्री, साझा मूल्यों और आपसी समझ को समर्पित करता हूं।”

भारत-साइप्रस संबंधों को नई रणनीतिक दिशा

यह दौरा पीएम मोदी की तीन देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें वे G7 शिखर सम्मेलन (कनाडा) में भाग लेने भी जा रहे हैं। लेकिन साइप्रस दौरा सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान और तुर्की के बीच हुए सैन्य गठबंधन और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में यह दौरा भारत की रणनीतिक कूटनीति का एक सशक्त कदम माना जा रहा है।

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पाकिस्तान की सेना ने तुर्की निर्मित ड्रोन और मिसाइल तकनीक का उपयोग किया, जिससे भारत के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके विपरीत, साइप्रस ऐसा देश है जिसने हर वैश्विक मंच पर, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता की मांग में, भारत का प्रबल समर्थन किया है।

यूरोपीय यूनियन की अध्यक्षता और भारत की भूमिका

यह भी महत्वपूर्ण है कि साइप्रस 2026 में यूरोपीय यूनियन काउंसिल की अध्यक्षता संभालने जा रहा है। ऐसे में भारत के लिए साइप्रस एक कूटनीतिक और रणनीतिक साझेदार के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण बन गया है, विशेषकर मेडिटेरेनियन क्षेत्र में।

निकोसिया और नई दिल्ली के बीच बढ़ते संबंध न केवल व्यापार, संस्कृति और सुरक्षा तक सीमित हैं, बल्कि ये दोनों देशों के बीच मानवता, सहयोग और परस्पर सम्मान की भावना को भी मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

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