नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस बार उन्होंने विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए बताया कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और इसका अंत करने के लिए संकल्पित है। इसके साथ ही उन्होंने देश में विकास, खेल, शिक्षा और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी सकारात्मक खबरें साझा कीं।

आतंकवाद के विरुद्ध संकल्प – ‘ऑपरेशन सिंदूर’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं बल्कि भारत के बदलते स्वरूप और साहस का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि देश के हर नागरिक के दिल में आतंकवाद के खिलाफ गहरा आक्रोश और एकजुटता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया है, उससे हर हिंदुस्तानी का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।
मोदी ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने पूरे देश में देशभक्ति की भावना को मजबूत किया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों में तिरंगा यात्राएं निकाली गईं, जहां हजारों लोग हाथों में तिरंगा लेकर सेना को सलाम करने निकले। कई जगह सिविल डिफेंस वालंटियर्स बनने के लिए युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चंडीगढ़ के सिविल डिफेंस वालंटियर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हुआ था, जिसने देशभर में प्रेरणा फैलाई।
बस्तर के बच्चे: पढ़ाई और खेल दोनों में उत्कृष्ट
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्र बस्तर के बच्चों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे विज्ञान में रुचि रखते हैं और खेलों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे प्रयास यह दिखाते हैं कि माओवाद से प्रभावित इलाकों के लोग कितने साहसी और जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस संदर्भ में उन्होंने पहले भी बस्तर ओलंपिक्स और वहां स्थापित साइंस लैब की बात की थी, जो बच्चों के भविष्य को संवारने में सहायक साबित हो रही हैं।

काटेझरी: माओवादी प्रभावित गांव जहां पहली बार पहुंची बस
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के माओवादी प्रभावित काटेझरी गांव का जिक्र किया, जहां पहली बार बस सेवा शुरू हुई है। इस छोटे से गांव में बस आने के दिन को लोग वर्षों से इंतजार कर रहे थे। जब बस पहुंची, तो ग्रामीणों ने धोल-नगाड़े बजाकर उसका जोरदार स्वागत किया।
यह घटना केवल गांव की भौतिक कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि विकास और शांति की ओर बड़ा कदम है। इससे यह संदेश भी मिलता है कि माओवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।
गुजरात में शेरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि
प्रधानमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण में गुजरात की उपलब्धि का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गिर के शेरों की संख्या पांच वर्षों में 674 से बढ़कर 891 हो गई है। यह संख्या वन संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता है।
साथ ही, गुजरात पहला राज्य बना है जिसने फॉरेस्ट ऑफिसर्स के पदों पर बड़ी संख्या में महिलाओं की नियुक्ति की है। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी नए आयाम जुड़ेंगे।