Thursday, June 19, 2025
Homeराजस्थानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजी, हिंदू सेना...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजी, हिंदू सेना ने जताई आपत्ति

अजमेर, राजस्थान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को इस वर्ष भी निभाया। गुरुवार को पीएम मोदी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को चादर सौंपते हुए ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति सम्मान प्रकट किया। चादर को पहले निजामुद्दीन स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर ले जाया गया और फिर अजमेर शरीफ भेजा गया।

प्रधानमंत्री ने उर्स के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “यह अवसर सभी के जीवन में खुशहाली और शांति लाए।” केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए कहा कि यह भारत की आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव का प्रतीक है।

Advertisement's
Advertisement’s

चादर चढ़ाने की परंपरा और विशेषता

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस दौरान चादर चढ़ाने की परंपरा को स्नेह और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। यह परंपरा 1947 से चली आ रही है, जिसकी शुरुआत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार 11वीं बार यह चादर भेजी है।

अजमेर दरगाह पर कानूनी विवाद

हालांकि, प्रधानमंत्री की इस परंपरा को लेकर हिंदू सेना ने आपत्ति दर्ज की है। हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने अजमेर की जिला अदालत में दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव शिव मंदिर का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया है। उन्होंने चादर भेजने की परंपरा पर रोक लगाने की अपील करते हुए कहा कि यह मामले की संवैधानिकता को प्रभावित कर सकता है।

अजमेर जिला अदालत ने इस मामले में तीन पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरगाह कमेटी ने भी अदालत में याचिका दायर कर इस दावे को खारिज करने और उनकी बिना अनुमति के कोई आदेश जारी न करने की मांग की है।

प्रधानमंत्री की आध्यात्मिक पहल और आलोचनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चादर भेजे जाने को भारत की आध्यात्मिक परंपरा और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, हिंदू सेना की आपत्ति और कानूनी विवाद ने इस पहल को नए सिरे से चर्चा का विषय बना दिया है।

अजमेर शरीफ में उर्स का माहौल

28 दिसंबर से शुरू हुए ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान अजमेर दरगाह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं और चादर चढ़ाकर मन्नतें मांग रहे हैं।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!