Wednesday, March 19, 2025
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प्रख्यात ओड़िया कवि रमाकांत रथ का 90 वर्ष की आयु में निधन, साहित्य जगत में शोक

भुवनेश्वर, ओडिशा: प्रसिद्ध ओड़िया कवि, साहित्यकार और पूर्व नौकरशाह रमाकांत रथ का रविवार को उनके खारवेल नगर स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। उनके परिवार ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की है। रथ के निधन से ओड़िया साहित्य और भारतीय साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रमाकांत रथ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “प्रख्यात कवि रमाकांत रथ के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। वे भारतीय साहित्य जगत की एक प्रमुख विभूति थे और उन्होंने ओड़िया साहित्य को समृद्ध किया। पद्म भूषण सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित रथ का योगदान साहित्य में अविस्मरणीय रहेगा। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।”

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी सोशल मीडिया पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “रमाकांत रथ ने एक विद्वान, प्रशासक और कवि के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी कविताएँ समाज के सभी वर्गों में लोकप्रिय रही हैं। उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”

ओडिशा के मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी रमाकांत रथ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “रथ भारतीय प्रशासनिक सेवा और साहित्य जगत में अपने योगदान के लिए सदैव याद किए जाएंगे। ओड़िया भाषा और साहित्य को उन्होंने वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।”

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि रथ का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनकी छोटी बेटी ने बताया कि विदेश में रह रहे उनके बेटे के लौटने के बाद सोमवार को पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रमाकांत रथ का जीवन और साहित्यिक यात्रा

रमाकांत रथ का जन्म 13 दिसंबर 1934 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उन्होंने रावेनशॉ कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) से अंग्रेजी साहित्य में एमए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे 1957 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए।

रथ ने राज्य और केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और 1992 में ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी उन्होंने अपनी साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से ओड़िया भाषा और साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

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रथ की प्रमुख रचनाएं और उपलब्धियां

रमाकांत रथ ओड़िया कविता के सबसे प्रतिष्ठित कवियों में से एक थे। उनके कई कविता संग्रह बेहद लोकप्रिय हुए, जिनमें प्रमुख हैं:

  • केटे दिनारा (1962)
  • अनेका कोठारी (1967)
  • संदिग्धा मृगया (1971)
  • सप्तम ऋतु (1977)
  • सचित्रा अंधारा (1982)
  • श्री राधा (1985)
  • श्रेष्ठ कविता (1992)

रथ की कई रचनाओं का हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल हैं:

  • 1977 – साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1984 – सरला पुरस्कार
  • 1990 – बिशुवा सम्मान
  • 2006 – पद्म भूषण सम्मान
  • 2009 – साहित्य अकादमी फेलोशिप

इसके अलावा, उन्होंने 1993 से 1998 तक साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और 1998 से 2003 तक साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

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