नई दिल्ली, 26 जून 2024: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब घोटाले का मामला और गंभीर होता जा रहा है। ईडी द्वारा चल रही गिरफ्तारी की प्रक्रिया के बीच अब सीबीआई भी इस मामले में कूद पड़ी है। इन जाँच एजेंसियों के चक्कर और अदालतों के चक्कर लगाते-लगाते मुख्यमंत्री केजरीवाल भी परेशान नज़र आ रहे हैं।
अदालत में पेशी और स्वास्थ्य बिगड़ने की घटना
बुधवार को सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान उनके चेहरे पर परेशानी साफ दिखाई दे रही थी। हरी टीशर्ट पहने हुए मुख्यमंत्री को बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान घेरे हुए थे। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी उनके साथ मौजूद थीं और बार-बार उन पर नजर रखे हुए थीं।
कोर्ट की सुनवाई के दौरान एक समय ऐसा आया जब केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई। भारी भीड़ और गर्मी के कारण वह बेहोशी की हालत में नजर आए। मुख्यमंत्री ने अदालत से कहा कि उनका शुगर लेवल कम हो रहा है और उन्होंने खाने-पीने की अनुमति मांगी। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि उन्हें दूसरे कमरे में ले जाकर खाने-पीने का इंतजाम किया जाए। बाद में केजरीवाल फिर से सुनवाई में शामिल हो गए।
#WATCH | Delhi CM and AAP National Convenor Arvind Kejriwal taken from the Rouse Avenue Court in Delhi.
— ANI (@ANI) June 26, 2024
Court has reserved the order on CBI plea seeking custodial interrogation of Arvind Kejriwal. pic.twitter.com/4ODspqKiXo
सुनीता केजरीवाल की प्रतिक्रिया
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा, “20 जून को अरविंद केजरीवाल को बेल मिली थी, लेकिन तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया और आज गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ पाए। यह कानून नहीं है, यह तानाशाही है, इमरजेंसी है।”
आम आदमी पार्टी का भी कहना है कि सीबीआई ने पूरी कोशिश की क्योंकि उनके पास कोई ठोस मामला नहीं था। वे केवल केस को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे थे। पार्टी का यह भी दावा है कि सीबीआई के पास 50,000 दस्तावेज हैं, जो दो साल से उनके पास थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अरविंद केजरीवाल को बुलाया नहीं। अब सवाल यह उठता है कि गवाह से आरोपी कब और कैसे बना दिया गया?
स्थिति पर व्यापक दृष्टिकोण
इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह मामला न केवल उनके राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े कर रहा है बल्कि दिल्ली की जनता के मन में भी कई सवाल पैदा कर रहा है। जनता की नज़र इस पूरे मामले पर टिकी हुई है और यह देखना बाकी है कि आगे की कानूनी प्रक्रियाएं क्या मोड़ लेती हैं।