चिड़ावा, 20 मई 2025: चिड़ावा शहर में पेयजल संकट दिनों-दिन गंभीर होता जा रहा है। खासकर वार्ड संख्या 25, 29 और 30 के निवासी पानी की एक-एक बूंद के लिए जूझ रहे हैं। मंगलवार को इन वार्डों की महिलाओं और पुरुषों ने एकजुट होकर जलदाय विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही और समाधान में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।

नलों में नहीं आ रहा पानी, लोग टैंकरों पर निर्भर
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बताया कि घरों में कई दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है। जब कभी पानी की सप्लाई होती भी है, तो उसका दबाव इतना कम होता है कि ऊपरी मंजिलों तक नहीं पहुंच पाता। नतीजतन, लोगों को सुबह-शाम पानी भरने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कुछ परिवारों ने बताया कि टैंकर मंगवाना भी अब आम आदमी के बजट से बाहर है, जिससे उनकी समस्या और अधिक गंभीर हो गई है। वहीं कुछ इलाकों में सप्लाई किया जा रहा पानी दूषित भी है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है।
अधिकारियों की अनुपस्थिति से भड़का आक्रोश
स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि वे कई बार जलदाय विभाग में अपनी समस्या लेकर पहुंची, लेकिन कनिष्ठ अभियंता (JEN) अक्सर कार्यालय में मौजूद नहीं रहते। कर्मचारी केवल आश्वासन देकर टालते रहे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस रवैये से जनता में आक्रोश और गहराता गया।
प्रदर्शन के दौरान वार्ड 29 से अंतरसिंह, सुशील सैनी, पुष्कर सैनी और अन्य पुरुष भी शामिल हुए। वहीं वार्ड 25 और 30 से सुनीता, धापा, बिमला, सुमन सहित कई महिलाएं पहुंची और अपनी पीड़ा व्यक्त की।

विभाग ने दिया आश्वासन, समाधान नहीं हुआ तो फिर प्रदर्शन की चेतावनी
विरोध के दौरान जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने फिलहाल प्रदर्शन समाप्त कर दिया। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।
स्थानीय लोगों की मांग है कि—
- नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए
- दबाव की समस्या को तकनीकी रूप से हल किया जाए
- दूषित जल की आपूर्ति पर तुरंत रोक लगाई जाए
- जनता की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए