नई दिल्ली, 22 जून, 2024: देशभर में नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के पेपर लीक होने की घटनाओं के बाद उठे बवाल के बीच, केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पेपर लीक रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया है। ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ शनिवार से पूरे देश में प्रभावी हो गया है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को रोकना है।
शिक्षा मंत्री का बयान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कानून को लागू करने की घोषणा करते हुए कहा, “सरकार ने परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कठोर कदम उठाया है। जो भी व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करेगा, उसे सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा।”
कानून के तहत दंड
इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। फरवरी में संसद द्वारा पारित इस कानून को 22 जून से लागू कर दिया गया है। इसमें 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें शामिल होने पर जेल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
दंडनीय गतिविधियाँ
इस अधिनियम के तहत दंडनीय गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं:
- परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या आंसर की लीक करना।
- आंसर-की या पेपर लीक में दूसरों के साथ शामिल होना।
- बिना अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट को देखना या रखना।
- परीक्षा के दौरान किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सवालों के जवाब बताना।
- उम्मीदवार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जवाब लिखने में मदद करना।
- आंसर शीट या ओएमआर शीट में गड़बड़ी करना।
- बिना अधिकार या बोनाफाइड एरर के असेसमेंट में हेरफेर करना।
- केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और नियमों की जानबूझकर अनदेखी या उल्लंघन करना।
- उम्मीदवार की शॉर्टलिस्टिंग या उसकी मेरिट या रैंक निर्धारित करने वाले डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करना।
- परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी कराने की नीयत से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करना।
- कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर रिसोर्स या किसी भी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ करना।
- उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करना।
- पब्लिक एग्जाम अथॉरिटी, सर्विस प्रोवाइडर या सरकारी एजेंसी के कर्मचारियों को धमकाना या परीक्षा में व्यवधान पैदा करना।
- पैसे ऐंठने या धोखाधड़ी के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना।
- फर्जी परीक्षा, फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना।
उद्देश्य और निष्कर्ष
इस कानून का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर सख्त रोक लगाना है। सरकार ने इसे लागू करके एक स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या पेपर लीक की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून में आरोपियों को 3 से 10 साल तक की सजा और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है।
यह कदम न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की निष्पक्षता को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के मन में विश्वास भी स्थापित करेगा कि उनकी मेहनत और प्रतिभा का सही मूल्यांकन किया जाएगा।