नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश के 13वें राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी की स्मृति में समाधि निर्माण का निर्णय लिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने एक जनवरी को प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। इस निर्णय पर खुशी जताते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर आभार व्यक्त किया।
राजघाट के निकट बनेगा समाधि स्थल
सरकार ने राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल में प्रणब मुखर्जी की समाधि के लिए भूमि का चयन कर लिया है। समाधि स्थल की पहचान के बाद इसकी जानकारी शर्मिष्ठा मुखर्जी को दी गई। प्रणब मुखर्जी, जिन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक की सरकारों में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था, को उनकी सार्वजनिक सेवा के लिए सदैव याद किया जाएगा। राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने अपने अद्वितीय नेतृत्व कौशल का परिचय दिया।

बिना अनुरोध समाधि निर्माण पर जताई खुशी
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस निर्णय पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा कि वह इस निर्णय से अत्यंत खुश हैं और इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकतीं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उदारता और बड़प्पन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह निर्णय बिना किसी औपचारिक अनुरोध के लिया गया, जो सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
मोदी सरकार पहले भी कर चुकी है सम्मानित
मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। राष्ट्रपति पद पर अपने कार्यकाल के बाद प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्य करने के तरीके और उनके जुनून की कई बार सराहना की थी।
कांग्रेस की समाधि मांग पर शर्मिष्ठा का कटाक्ष
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर समाधि की मांग पर भी तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी का मानना था कि सम्मान कभी मांगा नहीं जाना चाहिए, यह अपने आप आना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि सम्मानित हस्तियों के योगदान को पहचानने की प्रक्रिया में राजनीति का स्थान नहीं होना चाहिए।