गुवाहाटी: पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ व भूस्खलन ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और कई इलाकों में हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
असम में ब्रह्मपुत्र सहित दस प्रमुख नदियां उफान पर हैं और 15 से अधिक जिलों में लगभग 78 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लोगों से नदी किनारे व निचले इलाकों से दूर रहने और सतर्क रहने की अपील की है। गुवाहाटी में भूस्खलन के चलते जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। राज्य के कई हिस्सों में सड़क, रेल और जल परिवहन सेवाएं बाधित हुई हैं। पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य प्रशासन ने वन्यजीवों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिसमें अब तक नौ लोगों की जान जा चुकी है। मिजोरम की राजधानी आइजोल में मूसलाधार बारिश के चलते प्रशासन ने स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं।
सिक्किम के मंगन जिले में भारी बारिश के कारण उत्पन्न आपदा में 1,276 पर्यटक फंस गए हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। उत्तरी हिस्सों में तीस्ता नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे कई पुल बह गए हैं। मुंशीथांग क्षेत्र में तीस्ता नदी में गिरे एक पर्यटक वाहन के आठ सवारों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना में ओडिशा की भाजपा नेत्री की मृत्यु हुई थी, जबकि लापता लोगों में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित जोड़ा भी शामिल है।
मणिपुर में भी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई है। बीते 48 घंटों में 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत शिविरों में बड़ी संख्या में लोग शरण लिए हुए हैं।
त्रिपुरा में पश्चिमी जिलों में भारी बारिश के चलते भयंकर बाढ़ आ गई है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि लगभग 1,300 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है और राज्य सरकार हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।
गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से पूर्वोत्तर के लोगों के साथ खड़ी है और हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
इस समय पूर्वोत्तर के राज्यों में हालात चिंताजनक हैं और प्रशासन युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्यों में जुटा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और भारी बारिश की चेतावनी दी है, ऐसे में प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।