नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। पूरे देश में इस हमले को लेकर गुस्से और शोक का माहौल है, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की तीखी निंदा हो रही है।
सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से आई है, जिन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे फोन पर बात कर इस जघन्य आतंकी हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया।

पुतिन ने जताई संवेदना, दोषियों को सजा देने पर दिया बल
फोन कॉल के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरी संवेदना जताई और कहा कि “आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस हमले के दोषियों और उनके मददगारों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को और गहराने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मोदी ने दी विजय दिवस की बधाई, भारत आने का दिया निमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर पुतिन को बधाई दी और इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।
इस संवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वैश्विक शक्ति रूस भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।

पाकिस्तान के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका
रूस की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका मानी जा रही है। हमले के बाद से पाकिस्तान की ओर से भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं, जिनमें परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अप्रत्यक्ष धमकी तक शामिल है। पाक सरकार के मंत्रियों द्वारा यह कहना कि “हमारे पास परमाणु हथियार हैं और युद्ध के भयानक परिणाम हो सकते हैं”, वैश्विक मंच पर आलोचना का विषय बन गया है।