मोहम्मद रिज़वान की विवादास्पद बर्खास्तगी: ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मुकाबले में मोहम्मद रिजवान को आउट दिए जाने वाले फैसले पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इस मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के साथ बात करेगा.
दरअसल, मेलबर्न में शुक्रवार को संपन्न हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में एक वक्त पाकिस्तान की टीम जीत के करीब नजर आ रही थी. पाक टीम को महज 98 रन की दरकार थी और उसके हाथ में 5 विकेट बाकी थे. यहां मोहम्मद रिजवान और सलमान आगा पिच पर डटे हुए थे. तभी पैट कमिंस की एक गेंद पर रिजवान को थर्ड अंपायर ने आउट दे दिया था. रिजवान इस फैसले से हक्के-बक्के रह गए थे. मैच के बाद पाक टीम के डायरेक्टर मोहम्मद हफीज ने भी इस मामले में टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान यहां ज्यादा बेहतर खेली लेकिन तकनीकी खामी के चक्कर में उन्हें मैच गंवाना पड़ा.
क्या है पूरा माजरा?
मोहम्मद रिजवान जब 35 रन पर खेल रहे थे, तब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की एक शॉर्ट पिच गेंद को उन्होंने झूककर छोड़ने की कोशिश की. यह गेंद उनके हाथ और हेलमेट के बीच से निकलते हुए कीपर के पास चली गई. यहां पैट कमिंस ने आउट के लिए अपील की लेकिन अंपायर ने इसे खारिज कर दिया. ऐसे में कंगारू कप्तान ने रिव्यू लेने का फैसला किया.
Wicket 250 for Pat Cummins! 🎉
The third umpire decided the ball flicked Mohammad Rizwan’s sweatband on the way through. #MilestoneMoment | @nrmainsurance | #AUSvPAK pic.twitter.com/vTuDL5DmNB
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 29, 2023
थर्ड अंपायर ने अलग-अलग एंगल से रिप्ले देखने के बाद मैदानी अंपायर को अपना फैसला बदलने का निर्देश दिया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हॉट स्पॉट और स्निको तकनीक की मदद से पता चला कि गेंद ने रिजवान की कलाई में लगे बैंड (पट्टी) को हल्के से छुआ था. बस इसी को लेकर रिजवान को आउट दे दिया गया. रिजवान इस फैसले पर यकीन नहीं कर पा रहे थे. वह अंपायर से बातचीत भी करते देखे गए. उनका कहना था कि गेंद से उनका किसी भी तरह से संपर्क नहीं हुआ है.
अब क्या करेगा PCB?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक करीबी सूत्र ने बताया है कि बोर्ड प्रेसिडेंज जाका अशरफ ने इस मामले में टीम डायरेक्टर मोहम्मद हफीज से बातचीत की थी. इस दौरान हफीज ने मेलबर्न टेस्ट में अंपायर के कुछ फैसलों और तकनीक के इस्तेमाल को लेकर कुछ चिंताएं जाहिर की थी. इसके बाद PCB ने इस पूरे मामले को ICC में उठाने का फैसला किया है.