राजस्थान के जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11, महानगर द्वितीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जातिगत टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है। अदालत ने परिवाद को ऑफिस रिपोर्ट के लिए 23 फरवरी की तारीख दी है। अधिवक्ता विजय कलंदर की ओर से पेश परिवाद में कहा गया कि वो गत 9 फरवरी को अखबार में पढ़े कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ पहुंची है। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जन्म से ओबीसी वर्ग के नहीं है। गुजरात की भाजपा सरकार ने मोदी को ओबीसी बनाया है और वे पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ न्याय नहीं कर सकते हैं।
राहुल गांधी के इस बयान को झूठा बताया
परिवाद में कहा गया कि भाजपा ने जब राहुल गांधी के इस बयान को झूठा बताया तो उन्होंने कहा कि मेरे सच पर मुहर लगाने के लिए धन्यवाद। राहुल गांधी का सार्वजनिक तौर पर दिया ऐसा बयान भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों और समुदाय के प्रति अपराध करने के लिए उकसाने के लिए दिया गया है। यह बयान देश में अशांति पैदा करने वाला व देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के साथ ही देश की अखंडता के खिलाफ भी है।
राहुल गांधी खुद को कश्मीरी कौल पंडित बताते हैं
परिवाद में यह भी कहा गया कि सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी खुद को कश्मीरी कौल पंडित बताते हैं, जबकि उनके दादाजी फिरोज गांधी गैर हिन्दू परिवार के थे। अदालत पूर्व में कई फैसलों में कह चुकी है कि पिता की जाति ही उसके बच्चे की जाति होगी. जाति जन्म से होती है और उसे बदला नहीं जा सकता है। ऐसे में उन्होंने खुद की जाति छिपाकर बयान दिया है, जिससे परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए मामले में कानूनी कार्रवाई की जाए।