पिलानी, 3 मार्च 2025: झुंझुनू जिले के पिलानी पंचायत समिति क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने 28 फरवरी 2025 को ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान के खिलाफ जिला कलक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने ओलावृष्टि से अपनी फसलों को हुए 100% नुकसान के लिए तत्काल मुआवजा और राहत की मांग की है।
ओलावृष्टि का कहर: फसलों का हुआ पूर्ण विनाश
किसानों के अनुसार, 28 फरवरी को आए तूफान और ओलावृष्टि ने पिलानी, बेरी, लीखवा, छापड़ा, बनगोठड़ी कलां, बनगोठड़ी खुर्द और आसपास के गांवों में गेहूं, सरसों, ग्वार और मिर्च जैसी फसलों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। किसानों का कहना है कि इस प्राकृतिक आपदा से उनकी फसलों को 100% नुकसान हुआ है, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि सरकार और बीमा कंपनियां तुरंत उनके नुकसान का आकलन करें और मुआवजा प्रदान करें।

बीमा कंपनियों की उदासीनता से नाराजगी
किसानों ने आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां उनके दावों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। किसान संजय बांगड़वा ने बताया कि बीमा कंपनियों ने अभी तक उनका कोई दावा स्वीकार नहीं किया है और न ही कोई मुआवजा दिया गया है। एक किसान ने कहा, “हमने बीमा कंपनियों से 100% क्षतिपूर्ति के लिए अनुरोध किया है, लेकिन हमें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। बीमा कंपनियां हमारे दावों को टाल रही हैं और सहायता नहीं दे रही हैं।” किसानों ने यह भी कहा कि बीमा कंपनियों की उदासीनता के कारण वे आर्थिक और मानसिक संकट से जूझ रहे हैं।
सरकार से मांग: बिजली बिल माफ हो और राहत पैकेज की घोषणा की जाए
किसानों ने राज्य सरकार से अपील की है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मद्देनजर उनके बिजली बिलों को माफ किया जाए और किसानों को राहत प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यह आपदा उनके जीवनयापन को प्रभावित कर रही है और सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर इस संकट से उबरने में मदद करनी चाहिए। किसानों ने जिला प्रशासन से भी उनके नुकसान का शीघ्र आकलन करने और मुआवजा दिलाने की मांग की है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और अपेक्षाएं
स्थानीय किसानों ने इस प्राकृतिक आपदा को अभूतपूर्व बताया और सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद जताई। बनगोठड़ी के एक किसान ने कहा, “हमें अपनी फसलों को बचाने के लिए हरसंभव मदद चाहिए। सरकार को हमारी स्थिति समझनी चाहिए और मुआवजा जल्द से जल्द देना चाहिए।” दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करेगा और किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेगा।

झुंझुनू जिले के किसानों की यह मांग एक बार फिर से प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों की समस्याओं को उजागर करती है। ओलावृष्टि से हुए नुकसान ने क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से तोड़ दिया है, और अब उनकी नजर सरकार और बीमा कंपनियों की प्रतिक्रिया पर टिकी है। यदि समय पर राहत नहीं मिली, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।