इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता को लेकर वर्षों से चला आ रहा इनकार अब खुद उसके शीर्ष सैन्य अधिकारी के बयान से ध्वस्त हो गया है। पाकिस्तान वायुसेना के एयर वाइस मार्शल और जनसंपर्क निदेशक (DGPR) औरंगजेब अहमद ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलवामा हमले को पाकिस्तान की “टैक्टिकल ब्रिलियंस” यानी “सामरिक प्रतिभा” का उदाहरण बताया है। यह बयान पाकिस्तान की कथनी और करनी के बीच के फासले को दुनिया के सामने उजागर करता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाला खुलासा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान औरंगजेब अहमद ने कहा,
“हमने पुलवामा में अपनी टैक्टिकल ब्रिलियंस के ज़रिए भारत को एक संदेश देने की कोशिश की।”
इस प्रेस वार्ता में पाकिस्तान आर्मी के DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और पाकिस्तानी नेवी के प्रवक्ता भी मौजूद थे। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें भारतीय सेना, एयरफोर्स और नेवी के अधिकारी भी शामिल थे।

भारत की ओर से सीमित जवाबी कार्रवाई – ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के लॉन्चपैड्स पर सीमित एयर स्ट्राइक की थी। पाकिस्तान सरकार ने हमेशा की तरह इस पर संदेह जताया और साक्ष्य मांगे, लेकिन अब एयर वाइस मार्शल के बयान ने पाकिस्तान की भूमिका पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं।
अहमद शरीफ चौधरी का ओसामा बिन लादेन से संबंध
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी कोई साधारण अधिकारी नहीं हैं। वे परमाणु वैज्ञानिक सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के पुत्र हैं, जिन पर आरोप हैं कि वे ओसामा बिन लादेन से मिल चुके थे और अल-कायदा को परमाणु तकनीक देने की कोशिश में शामिल थे। उन्हें संयुक्त राष्ट्र की अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध किया गया है।
भारत के पुराने दावे को अब पाकिस्तान के अफसर की पुष्टि
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आत्मघाती हमलावर द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। भारत ने तब पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई सबूत भी पेश किए। पाकिस्तान सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले में सेना की किसी भी संलिप्तता से इनकार किया था।
लेकिन अब वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी औरंगजेब अहमद के बयान ने पाकिस्तान की वर्षों पुरानी स्थिति को नकार दिया है। यह स्वीकारोक्ति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करती है।
बालाकोट एयरस्ट्राइक और उसके बाद की घटनाएं
भारत ने पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी 2019 को ‘ऑपरेशन बालाकोट’ के तहत जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें मिराज 2000 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के एक F-16 विमान को मार गिराया।

इस कार्रवाई में भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान को कुछ ही दिनों में अभिनंदन को रिहा करना पड़ा था।
दुनिया के सामने पाकिस्तान की असलियत उजागर
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों के प्रति नरमी और उन्हें पनाह देने के आरोपों से घिरा रहा है। FATF (Financial Action Task Force) जैसी संस्थाओं ने भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा है। अब एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी द्वारा पुलवामा हमले को ‘सामरिक प्रतिभा’ बताना इस बात का सीधा प्रमाण है कि पाकिस्तान की सैन्य व खुफिया एजेंसियां आतंकवाद को एक रणनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग करती रही हैं।