न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार (14 मार्च) को पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए दावों को सख्ती से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बार-बार इस मुद्दे को उठाने से पाकिस्तान का झूठ सच में नहीं बदल जाएगा। पार्वथानेनी हरीश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष दोहराया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।

UN बैठक में पाकिस्तान को मिला करारा जवाब
संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान, पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। इस पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान की ओर से बेवजह इस मुद्दे को बार-बार उठाने से उसे कोई मान्यता नहीं मिलने वाली। उन्होंने कहा,
“हमेशा की तरह, पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज फिर से भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का अनावश्यक संदर्भ दिया। बार-बार इस मुद्दे को उठाने से न तो पाकिस्तान का दावा वैध होगा और न ही सीमा पार आतंकवाद को उचित ठहराया जा सकेगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ऐसी कोशिशें इस सच्चाई को नहीं बदल सकतीं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
पाकिस्तान के ट्रेन हाईजैक आरोपों को किया खारिज
भारत सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान ने हाल ही में भारत पर अपने यहां हुई एक ट्रेन हाईजैक की घटना में संलिप्तता का आरोप लगाया था। इस पर भारत ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। भारत ने पाकिस्तान पर वैश्विक आतंकवाद का केंद्र होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद का असली गढ़ कहां है।

‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी में से एक’
UN सत्र में पार्वथानेनी हरीश ने भारत की धार्मिक विविधता और बहुलतावादी संस्कृति पर जोर देते हुए कहा,
“भारत विविधता और सहिष्णुता की भूमि है। हमारे देश में 20 करोड़ से अधिक मुस्लिम रहते हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी में से एक बनाते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत मजहबी भेदभाव, घृणा और हिंसा के खिलाफ हमेशा खड़ा रहा है और एक संयुक्त राष्ट्र सदस्य के रूप में ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करता है। भारत हमेशा ऐसी दुनिया को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है जहां धार्मिक सहिष्णुता को महत्व दिया जाता हो।