Tuesday, July 22, 2025
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पाकिस्तान को अमेरिका में झेलनी पड़ी कड़ी फजीहत: आतंकियों को पनाह देने पर सांसद ब्रैड शरमन ने लगाई फटकार

अमेरिका: आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को अमेरिका में करारा जवाब मिला है। बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन पहुंचे पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को वरिष्ठ अमेरिकी कांग्रेस सदस्य ब्रैड शरमन ने सीधे तौर पर घेरा है। शरमन ने पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थक बताते हुए जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह वही संगठन है जिसने 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की निर्मम हत्या की थी।

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पाकिस्तान को दिया गया स्पष्ट संदेश

ब्रैड शरमन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए लिखा:

“मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद से लड़ने की अहमियत समझाई, खासतौर पर जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूह के खिलाफ, जिसने मेरे निर्वाचन क्षेत्र के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की थी।”

शरमन ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह ऐसे जघन्य संगठनों को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए और क्षेत्र में शांति स्थापित करने का प्रयास करे।

डेनियल पर्ल की हत्या: अब भी गूंज रहा है मामला

2002 में कराची में अपहृत किए गए डेनियल पर्ल, पाकिस्तानी मौलवी मुबारक अली गिलानी से मिलने जा रहे थे। तभी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों ने उन्हें अगवा कर उनकी बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी थी। आज भी उनका परिवार अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित ब्रैड शरमन के निर्वाचन क्षेत्र में रहता है, और न्याय की मांग कर रहा है।

धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता

अमेरिकी सांसद शरमन ने पाकिस्तानी समाज में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि पाकिस्तान में ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों को धर्म पालन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की आज़ादी मिलनी चाहिए, न कि उन्हें हिंसा, भेदभाव और असमान न्याय प्रणाली का सामना करना पड़े।

“पाकिस्तान को धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।”

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डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई की उठाई मांग

ब्रैड शरमन ने प्रतिनिधिमंडल से डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की अपील भी की। अफरीदी वही डॉक्टर हैं जिन्होंने सीआईए की सहायता करते हुए ओसामा बिन लादेन के ठिकाने की पुष्टि के लिए DNA सैंपल जुटाए थे। इसके बाद अमेरिका ने मई 2011 में एबटाबाद में बिन लादेन को मार गिराया।

डॉ. अफरीदी को 2012 में पाकिस्तान की एक अदालत ने देशद्रोह के आरोप में 33 साल की सजा दी थी। शरमन ने कहा:

“डॉ. अफरीदी की रिहाई 9/11 पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।”

भारत और पाकिस्तान दोनों प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में

गौरतलब है कि इसी समय शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भी वाशिंगटन डीसी में मौजूद है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी सांसदों की यह सार्वजनिक टिप्पणी भारत के रुख को मजबूत करने वाली मानी जा रही है।

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