पाकिस्तान: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक वायरल वीडियो में अमेरिका पर विश्व स्तर पर युद्धों को भड़काने और अपने हथियार उद्योग को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया है। उनकी इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ और बहस को जन्म दिया है। कई लोग इसे पाखंडी और भ्रामक बताते हुए नकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो कुछ उनके दावों के पीछे छिपे सच की ओर भी संकेत कर रहे हैं।

ख्वाजा आसिफ का वीडियो वायरल, अमेरिका पर निशाना
एक्स (Twitter) पर तेजी से वायरल हुए वीडियो में ख्वाजा आसिफ कहते हैं कि पिछले लगभग सौ वर्षों से अमेरिका दुनिया भर में युद्धों को बढ़ावा देकर अपने सैन्य-औद्योगिक परिसर का विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा, “अमेरिका ने अब तक 260 युद्ध लड़े हैं, जबकि चीन केवल तीन में शामिल हुआ है। इसके बावजूद अमेरिका का यह हथियार उद्योग उनकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है, इसलिए वे लगातार संघर्ष पैदा करते रहते हैं।”
आसिफ ने अफगानिस्तान, सीरिया, मिस्र और लीबिया जैसे देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि ये देश कभी समृद्ध थे, लेकिन आज वे युद्ध और संघर्ष के कारण आर्थिक और सामाजिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं। उनका दावा है कि अमेरिका युद्धों के दोनों पक्षों को हथियार मुहैया कराकर वैश्विक अस्थिरता पर लाभ कमाता है।
🚨HUGE: Pakistan Defence Minister Khawaja Asif says that US fuels war between two countries to sell weapon & make money.
— BALA (@erbmjha) May 24, 2025
Doland @realDonaldTrump ye sahi bol raha hai? pic.twitter.com/9HaTJKfnIl
पाकिस्तान-अमेरिका सैन्य संबंधों के बीच बयान की आलोचना
ख्वाजा आसिफ के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद का माहौल है। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच लंबे समय से सैन्य सहयोग चल रहा है, जिसमें F-16 लड़ाकू विमानों की खरीद और आर्थिक सहायता शामिल है। इस संबंध को देखते हुए कई उपयोगकर्ताओं ने आसिफ की टिप्पणियों को विरोधाभासी और पाखंडी बताया।
एक यूजर ने लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका को दोष देना बहुत आसान है, लेकिन हमारा अपना देश उसी अमेरिका से F-16 खरीदकर संतुष्ट है।” एक अन्य ने कहा, “सैन्य-औद्योगिक परिसर जरूरी है और यह गर्व की बात होनी चाहिए। भारत को भी इसका विकास करना चाहिए।”
सोशल मीडिया पर विविध प्रतिक्रियाएं
इस विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देने वाले अन्य उपयोगकर्ताओं ने अधिक संतुलित नजरिया अपनाया। एक यूजर ने कहा, “दूसरों को दोष देने से पाकिस्तान की अपनी नीतियां और आतंकवाद के मुद्दे छिप नहीं सकते। हथियारों की बिक्री तो वैश्विक स्तर पर होती है, लेकिन शांति की शुरुआत जिम्मेदारी से होती है।”
कुछ ने ख्वाजा आसिफ के दावे के तथ्यात्मक पहलू को स्वीकार करते हुए कहा, “हालांकि यह बयान कई बार गलतफहमी और भावनात्मक है, पर इसमें कुछ सच्चाई भी है।” वहीं, एक अन्य उपयोगकर्ता ने पाकिस्तान की भूराजनीतिक चालों की ओर इशारा करते हुए टिप्पणी की, “जब पाकिस्तान को मदद चाहिए थी, तब वह अमेरिका के पास गया, अब जब हालात बदल गए हैं, तो अमेरिका को दोष देना शुरू कर दिया।”

वैश्विक हथियार उद्योग और युद्ध की राजनीति
विशेषज्ञों के अनुसार, ख्वाजा आसिफ का बयान वैश्विक हथियार उद्योग की वास्तविकता को उजागर करता है, जो कई बार देशों के बीच संघर्षों को बढ़ावा देने में आर्थिक हित साधता है। अमेरिका के सैन्य बजट और हथियार निर्यात को देखते हुए यह कहना गलत नहीं कि हथियार उद्योग उनके GDP का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
फिर भी, इस मुद्दे की जटिलता को समझते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि शांति और स्थिरता के लिए सभी पक्षों को अपने दायित्वों को समझना होगा और आतंकवाद तथा आंतरिक संघर्षों पर भी ध्यान देना आवश्यक है।