Sunday, June 29, 2025
Homeविदेशपाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब: ग्लोबल आतंकी अब्दुर रऊफ को मौलवी बताकर...

पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब: ग्लोबल आतंकी अब्दुर रऊफ को मौलवी बताकर बचाने की नाकाम कोशिश, ID कार्ड ने खोल दी पोल

इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान भले ही दुनिया को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता रहे कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साझेदार है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसका असली चेहरा सामने आ गया है। पाकिस्तान की सेना एक बार फिर वैश्विक घोषित आतंकवादी को बचाने की कोशिश करते हुए खुद ही बेनकाब हो गई है।

हाफिज अब्दुर रऊफ: एक ‘मौलवी’ नहीं, बल्कि घोषित वैश्विक आतंकवादी

भारतीय सेना द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया गया। इन हमलों में कई आतंकियों का सफाया किया गया। इन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान सेना के अधिकारी खुद पहुंचकर उनकी ‘शहादत’ पर आंसू बहाते नजर आए।

इसी जनाजे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें हाफिज अब्दुर रऊफ – जो कि अमेरिका द्वारा Specially Designated Global Terrorist घोषित किया गया है – नमाज अदा करता दिख रहा है।

Advertisement's
Advertisement’s

पाकिस्तान सेना की शर्मनाक सफाई

पाकिस्तानी सेना की तरफ से दिए गए बयान में DG ISPR (Inter-Services Public Relations) ने दावा किया कि वायरल तस्वीर में नजर आ रहा व्यक्ति कोई आतंकी नहीं, बल्कि एक आम नागरिक और मौलवी है। उन्होंने एक नेशनल आईडी कार्ड भी दिखाया ताकि इस दावे को मजबूत किया जा सके। लेकिन यहीं पाकिस्तान की पोल खुल गई।

ID कार्ड में दर्ज जानकारी – नाम, जन्मतिथि और आईडी नंबर – सभी विवरण अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट द्वारा सूचीबद्ध आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ से मेल खाते हैं।

अमेरिका ने पहले ही कर दी थी पहचान

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, हाफिज अब्दुर रऊफ 1999 से लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर रहा है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड इकट्ठा करने का काम करता रहा है। 2008 के मुंबई हमले की साजिश में उसकी भूमिका के ठोस प्रमाण मौजूद हैं। वह लश्कर के फ्रंट संगठनों जैसे फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के जरिए फंडिंग करता है।

2008 में उसे FIF का डायरेक्टर ऑफ ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ और 2003 में डायरेक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस नियुक्त किया गया था। 2009 में FIF के बैनर तले पाकिस्तान में बड़े स्तर पर चंदा अभियान चलाकर उसने भारी मात्रा में फंड इकट्ठा किया।

Advertisement's
Advertisement’s

पाकिस्तान की पुरानी आदत: आतंकियों को ‘मासूम’ बताना

यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने किसी आतंकवादी को ‘मासूम’ या ‘धर्मगुरु’ बताकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की हो। इससे पहले भी हाफिज सईद, मसूद अजहर, ज़कीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों को पाकिस्तान पनाह देता रहा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में केवल दिखावटी कार्रवाई करके इन आतंकियों को नजरबंद किया गया, लेकिन कार्रवाई कभी ठोस नहीं हुई।

भारत की कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय चेतावनी

भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक राष्ट्र साबित किया है। अब ऑपरेशन सिंदूर और हाफिज अब्दुर रऊफ की जनाजे में मौजूदगी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान आतंक का पनाहगार है, और उसकी सेना भी इन गतिविधियों में संलिप्त है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!