सूरजगढ़ (दिनेश झाझड़िया): कस्बे के फरट पंचायत से सुखराम का बास तक बनने वाली मिसिंग लिंक सड़क बनने के महज महीने भर में ही जगह-जगह से उखड़ गई है। सड़क की स्थिति को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। उनका आरोप है कि ठेकेदार ने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया, जिससे सड़क बनने के कुछ ही दिनों में उखड़ने लगी।
घटिया सामग्री का उपयोग
ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार ने पीडब्ल्यूडी के नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने बताया कि नरेगा के तहत बनी ग्रेवल पर ही मिट्टी डालकर उस पर घटिया क्वालिटी का तारकोल डाल दिया गया, जो गाड़ियों के टायर के साथ ही उखड़ने लगा। नियमानुसार, इस सड़क पर तीन रोड़ी की लेयर के बाद 20 एमएम की दो लेयर तारकोल की डाली जानी चाहिए थी, साथ ही साइड भी बनाई जानी चाहिए थी। सड़क के लिए पांच साल की गारंटी होने के बावजूद, यह सड़क पांच दिन भी नहीं टिक पाई।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
ग्रामीणों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि उसने जल्दबाजी में और घटिया सामग्री का उपयोग करके सड़क बनाई। उन्होंने कहा कि अगर सड़क को दुबारा नहीं बनाया गया तो उन्हें मजबूरी में विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा। इस मौके पर राजेश धत्तरवाल, अनिल कुमार, दर्शन सिंह काजला, सुमेर सिंह गर्सा, मनीष, कर्ण सिंह सहित सैंकड़ों की संख्या में महिला व पुरूष मौजूद थे।
अधिकारियों का आश्वासन
पीडब्ल्यूडी के एईएन दिनेश लांबा ने कहा कि ठेकेदार से बात कर कार्य की जांच करवाई जाएगी। अगर कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं पाया गया तो दुबारा रिपेयर करवाया जाएगा।
निष्कर्ष
सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग और नियमों की अनदेखी से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग होता है बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। अधिकारियों द्वारा किए गए आश्वासनों पर ग्रामीणों को भरोसा है, लेकिन भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए सख्त निगरानी और गुणवत्ता की जांच की आवश्यकता है।