अमेरिका: मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच अमेरिका ने अपनी सैन्य सतर्कता को और बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में अमेरिकी वायुसेना का अत्याधुनिक E-4B “नाइटवॉच” विमान मंगलवार देर रात वाशिंगटन डीसी के पास स्थित जॉइंट बेस एंड्रयूज पर उतरा। इस विमान की उड़ान और गतिविधियों ने सैन्य विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का ध्यान खींचा है, क्योंकि इसे अमेरिका की आपातकालीन युद्ध तैयारी का प्रतीक माना जाता है।
E-4B नाइटवॉच विमान को अमेरिका का प्रेसिडेंशियल “डूम्सडे प्लेन” भी कहा जाता है। यह विशेष विमान उन हालात में सक्रिय किया जाता है जब परमाणु युद्ध, वैश्विक आपदा या किसी बड़े हमले की आशंका होती है। इसे आधिकारिक रूप से नेशनल एयरबोर्न ऑपरेशंस सेंटर (NAOC) के नाम से जाना जाता है। यह विमान परमाणु विस्फोट, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) हमलों और अन्य उच्चस्तरीय खतरों को झेलने में सक्षम है। यह आसमान में ही ईंधन भरने की सुविधा से लैस है और अत्याधुनिक संचार प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति और रक्षा प्रमुखों को हर परिस्थिति में कमांड एवं नियंत्रण की क्षमता देता है।
हालिया उड़ान लुइसियाना स्थित बार्क्सडेल एयर फोर्स बेस से शुरू हुई और असामान्य मार्ग से होते हुए वर्जीनिया के रास्ते जॉइंट बेस एंड्रयूज पहुंची। इस रूट और समय को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी सुरक्षा ढांचा फिलहाल हाई अलर्ट पर है। हालांकि इस मिशन को लेकर अमेरिकी प्रशासन या रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है और यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि विमान में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूद थे या नहीं।
गौरतलब है कि 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के दौरान भी इस विमान का उपयोग किया गया था। उसके बाद से यह केवल उन परिस्थितियों में उड़ान भरता है जब अमेरिका किसी गंभीर सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा होता है। अमेरिका के पास E-4B श्रेणी के चार विमान हैं, जिनमें से कम से कम एक विमान हर समय ऑपरेशनल रहता है और नियमित रूप से उड़ानों में जुटा रहता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपातकालीन स्थिति में कमांड और नियंत्रण तंत्र बाधित न हो।
मध्य पूर्व में इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ तेज होते सैन्य अभियान और हालिया मिसाइल हमलों ने क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। अमेरिका पहले ही अपने कई युद्धपोतों और एफ-16 लड़ाकू विमानों को इस क्षेत्र में तैनात कर चुका है। अब E-4B जैसे विमान की सक्रियता इस ओर इशारा कर रही है कि अमेरिका किसी भी आकस्मिक सैन्य परिदृश्य के लिए व्यापक तैयारी कर रहा है।
कई रणनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि यह गतिविधि अमेरिका की ओर से अपने ‘बैकअप कमांड सिस्टम’ को सुनिश्चित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे में यदि जमीनी स्तर पर कम्युनिकेशन नेटवर्क प्रभावित होता है, तो राष्ट्रपति और सेना के शीर्ष अधिकारी आसमान से ही सुरक्षित रूप से देश का नेतृत्व कर सकें। यह विमान किसी संभावित युद्ध या परमाणु आपदा के समय अमेरिका की प्रतिक्रिया का केंद्र बिंदु बन सकता है।