नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 137 में स्थित पारस टियरा सोसाइटी में रविवार रात 12 मई को एक बार फिर लिफ्ट हादसा हो गया। हादसे में सोसाइटी के निवासी मोहन लाल और दो डिलीवरी बॉय घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह हादसा तब हुआ जब मोहन लाल 8वीं मंजिल से नीचे जाने के लिए लिफ्ट में बैठे थे। साथ में उस लिफ्ट में दो डिलीवरी बॉय भी मौजूद थे। लिफ्ट में बैठते ही एक तेज झटका लगा और लिफ्ट नीचे जाने के बजाय तेजी से ऊपर जाते हुए 25वीं मंजिल की छत के जाल को तोड़ती हुई आधी छत पर जाकर अटक गई।
पिछले साल भी हुई थी लिफ्ट हादसे में मौत
गौरतलब है कि पिछले साल 3 अगस्त 2023 को भी इसी सोसाइटी के टावर 24 में लिफ्ट हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी। उस हादसे के बाद सोसाइटी के प्रेसिडेंट श्री रमेश गौतम और 7 अन्य लोगों पर आईपीसी की धारा 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। श्री गौतम को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
निवासियों का आरोप
सोसाइटी के निवासियों का आरोप है कि सोसाइटी प्रबंधन लापरवाह है और लिफ्टों का नियमित रखरखाव नहीं करता है। उनका यह भी कहना है कि पिछले साल के हादसे के बाद भी कोई सबक नहीं लिया गया और आज फिर हादसा हो गया।
गुस्साए निवासियों ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
गुस्साए निवासियों ने 12 मई के लिफ्ट हादसे के लिए सोसाइटी प्रबंधन को लापरवाही का जिम्मेदार मानते हुए रमेश गौतम, सुखपाल सिंह राणा, अनंगपाल चौहान एवं अन्य के खिलाफ सेक्टर 142 पुलिस थाना प्रभारी को कल रात शिकायत दी गई है।
अवैध रूप से कार्यरत है सोसाइटी प्रबंधन
निवासियों का यह भी आरोप है कि सोसाइटी प्रबंधन अवैध रूप से कार्यरत है। 22 जनवरी 2024 को सोसाइटी की AOA कार्यकारिणी का एक वर्ष का कार्यकाल खत्म हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद भी चुनाव नहीं कराए गए हैं।
लिफ्ट अधिनियम का उल्लंघन
निवासियों का यह भी कहना है कि सोसाइटी ने लिफ्ट अधिनियम 2024 का उल्लंघन किया है। 26 फरवरी से उत्तर प्रदेश में लिफ्ट अधिनियम 2024 लागू है, लेकिन सोसाइटी ने अभी तक अपना पंजीकरण नहीं कराया है।
क्या होगा आगे?
इस हादसे के बाद सोसाइटी के निवासियों ने सोसाइटी प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
निष्कर्ष:
नोएडा के पारस टियरा सोसाइटी में बार-बार हो रहे लिफ्ट हादसे चिंता का विषय हैं। प्रशासन को इस मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, सोसाइटी प्रबंधन को भी लिफ्टों का नियमित रखरखाव करवाना चाहिए और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।