नई दिल्ली: नेपाल और भारत के बीच लंबे समय से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव के साथ-साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं। हाल ही में, इन संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा अपने पांच-दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंची हैं।
यात्रा का उद्देश्य और महत्व
आरजू राणा देउबा का यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा और विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ 19 अगस्त को उनकी मुलाकात होगी, जिसमें दोनों मंत्री विभिन्न विषयों पर बातचीत करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच पहले से मौजूद घनिष्ठ संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना और दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में आरजू राणा का स्वागत किया और उनकी यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इस यात्रा से नियमित उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय आदान-प्रदान की परंपरा जारी रहेगी और यह दोनों देशों के बीच करीबी और अच्छे संबंधों का सबूत है।”
दौरे की प्रमुख गतिविधियाँ
आरजू राणा का दौरा 18 अगस्त को शुरू हुआ और वह 22 अगस्त तक भारत में रहेंगी। इस दौरान वे विभिन्न आधिकारिक बैठकों में हिस्सा लेंगी और कुछ व्यक्तिगत गतिविधियों में भी शामिल होंगी। खास बात यह है कि रक्षाबंधन के पर्व पर 19 अगस्त को आरजू राणा डॉक्टर विजय चौथी वाले को राखी बांधेंगी। डॉक्टर विजय चौथी वाले उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं और हाल ही में उनका थायरॉयडिज्म का ऑपरेशन हुआ था। आरजू राणा इस अवसर का उपयोग अपने स्वास्थ्य परीक्षण के लिए भी करेंगी।
भारत के साथ उनका संबंध
आरजू राणा का यह भारत दौरा कोई नई बात नहीं है। वे इससे पहले भी कई बार भारत आ चुकी हैं। साल 2022 में वे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पति शेर बहादुर देउबा के साथ भारत आई थीं। उस समय उन्होंने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे और वाराणसी में हुए विकास कार्यों की सराहना की थी। आरजू राणा ने बताया था कि वे पहली बार 1990 में भारत आई थीं। इसके बाद वे 2017 और 2022 में भी भारत आ चुकी हैं। हालांकि, विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारतीय यात्रा है।