नई दिल्ली, 15 मई 2024: गृह मंत्रालय ने आज नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पहला नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया। यह प्रमाण पत्र 14 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए जारी किया गया है, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी धर्म के हैं।
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। उन्होंने आवेदकों को बधाई दी और नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
CAA क्या है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 में पारित एक कानून है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।
यह कानून विवादित रहा है, और इसके खिलाफ देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
गृह मंत्रालय ने CAA के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। आवेदक एक नए वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
CAA के तहत किसे मिलेगी नागरिकता?
CAA के नियमों के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई अब इन देशों के वैध पासपोर्ट या भारत के वैध वीजा के बिना नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
नोटिफाइड नियम में कहा गया है कि “कोई भी दस्तावेज़” जो आवेदक के माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से किसी एक का इन देशों में से किसी एक से होने का प्रमाण दे , वह उनकी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए काफी होगा। और वीजा की जगह स्थानीय निकाय के चुने हुए सदस्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी काफी होगा।
लाभार्थी
CAA के लागू होने से उन हज़ारों गैर-मुस्लिम प्रवासियों को लाभ मिलने की संभावना है जो इन तीनों देशों से आकर भारत में रह रहे थे और भारतीय नागरिकता चाहते थे। अब तक ये लोग भारत में अवैध रूप से या लंबी अवधि के वीजा पर रह रहे थे।
ऑनलाइन आवेदन का लाभ
अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलने से इन लोगों को भारतीय नागरिकता पाने में काफी आसानी होगी। यह कदम भारत में रहने वाले प्रवासियों के लिए एक सकारात्मक पहल है, और CAA के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण चरण है।