नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार को 3 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सरकार 8 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करे, जिसके बाद 9 अप्रैल को मामले पर अगली सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने, जो याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, न्यायालय से अनुरोध किया कि वह CAA के तहत किसी भी व्यक्ति को नागरिकता प्रदान करने पर रोक लगाए। उन्होंने कहा कि यदि इस बीच नागरिकता दी जाती है, तो वे फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
सरकार का पक्ष:
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि CAA किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है और यह केवल उन लोगों को नागरिकता प्रदान करने का एक तरीका है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार याचिकाओं का विरोध करेगी और अपना विस्तृत जवाब दाखिल करेगी।
CAA के खिलाफ याचिकाएं:
CAA के खिलाफ 200 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें कहा गया है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, जो समानता का अधिकार देता है।
अगली सुनवाई:
अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी, जब न्यायालय सरकार के जवाब पर विचार करेगा और याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुनेगा।