महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा को सुनियोजित हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक सामग्री जलाने की अफवाह फैलाकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें तीन पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भी शामिल हैं। एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला करने की घटना भी सामने आई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
हिंसा की पृष्ठभूमि और अफवाहों की भूमिका
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। इसके बाद धार्मिक सामग्री जलाने की अफवाहें फैलाई गईं, जिससे हालात बिगड़ गए। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे साजिश की आशंका है, जिसे लेकर जांच जारी है।

पुलिस पर हमला: सख्त कार्रवाई की चेतावनी
विधानसभा में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर में पुलिस बल को निशाना बनाना गंभीर अपराध है। उन्होंने बताया कि तीन डीसीपी सहित कुल 33 पुलिसकर्मी इस हिंसा में घायल हुए हैं। एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जो कानून व्यवस्था के लिए बेहद चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फिल्म ‘छावा’ और बढ़ता आक्रोश
फडणवीस ने बताया कि औरंगजेब के खिलाफ बनी फिल्म ‘छावा’ से कुछ लोग नाराज थे, जिससे आक्रोश और बढ़ गया। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।

11 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू
हिंसा के मद्देनजर नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिंसा की घटनाओं के संबंध में पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
पत्थरों की ट्रॉली मिली, साजिश की आशंका
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हिंसा वाली जगहों से पत्थरों से भरी एक ट्रॉली बरामद की गई है। कुछ विशेष घरों और संस्थानों को निशाना बनाया गया, जिससे साजिश की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।