नई दिल्ली: आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं और जैन संतों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम की विशेषता रही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति, जिन्होंने अन्य गणमान्य अतिथियों और श्रद्धालुओं के साथ ‘नवकार महामंत्र’ का सामूहिक जाप कर इस दिवस को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: जैन धर्म आत्मविजय की प्रेरणा देता है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“नवकार महामंत्र हमें सिखाता है कि असली विजय बाहर के युद्धों में नहीं, बल्कि अपने भीतर के दोषों, नकारात्मकताओं और अहंकार पर विजय पाने में है। जैन धर्म बाह्य दुनिया से अधिक आत्मविश्वास और आत्मविजय की प्रेरणा देता है।”
उन्होंने आगे कहा कि नकारात्मक सोच, अविश्वास, वैमनस्य और स्वार्थ जैसे आंतरिक शत्रु ही असली दुश्मन हैं। नवकार महामंत्र इन्हें पराजित करने का मार्ग दर्शाता है।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "नवकार महामंत्र कहता है कि स्वयं पर विश्वास करो, स्वयं की यात्रा शुरू करो, दुश्मन बाहर नहीं है, दुश्मन भीतर है। नकारात्मक सोच, अविश्वास, वैमनस्य, स्वार्थ ही वो शत्रु हैं, जिन्हें जीतना ही असली विजय है। यही कारण है कि जैन धर्म हमें… pic.twitter.com/6E65oNBoWt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 9, 2025
“नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं, यह आस्था का केंद्र है” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने नवकार महामंत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा:
“यह मंत्र केवल उच्चारण की विधि नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और जीवन के मूल्यों का सार है। इसके प्रत्येक पद, प्रत्येक अक्षर में आध्यात्मिक ऊर्जा समाहित है। यह जन से जग तक की यात्रा का प्रतीक है।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य लोगों के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 'नवकार महामंत्र दिवस' कार्यक्रम में 'नवकार महामंत्र' का जाप किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 9, 2025
(सोर्स: डीडी) pic.twitter.com/bYAstSU9xc
विकसित भारत के संकल्प से जोड़ा नवकार महामंत्र का दर्शन
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विकसित भारत की परिकल्पना से भी नवकार महामंत्र के दर्शन को जोड़ा। उन्होंने कहा:
“नव का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है। जीवन के 9 तत्व पूर्णता की ओर ले जाते हैं। नवकार महामंत्र का यह दर्शन ‘विकास भी, विरासत भी’ की सोच से जुड़ा हुआ है। विकसित भारत वह होगा जो प्रगति की ऊंचाइयों को छुएगा लेकिन अपनी जड़ों से कभी कटेगा नहीं।”

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पूर्व अनुभव का स्मरण: बंगलुरू का सामूहिक जाप
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज विज्ञान भवन में मंत्रोच्चार के दौरान उन्होंने वही आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस की, जो कुछ वर्ष पूर्व बंगलुरू में एक सामूहिक नवकार महामंत्र जाप कार्यक्रम में अनुभव की थी। उन्होंने इसे “गहराई में उतरने वाली अनुभूति” बताया।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "…नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं है। ये हमारी आस्था का केंद्र है। हमारे जीवन का मूल स्वर… और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। ये स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है। इस मंत्र का प्रत्येक पद… pic.twitter.com/LHmRuuds3c
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 9, 2025