विश्व प्रसिद्ध हजरत हाजिब शाह दरगाह की नगरी नरहड़ में पानी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। समस्या को लेकर सैंकड़ों ग्रामीणों ने आज गांव के जलदाय विभाग के पम्प हाउस पर विरोध प्रदर्शन किया। पम्प हाउस में किसी कर्मचारी को न पाकर बिफरे कुछ लोग इस दौरान वहां बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए और नारेबाजी कर अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि पानी के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है। विभाग को कई बार अवगत करवाने के बावजूद सिर्फ तारीख पर तारीख ही मिल रही है।
गांव के सुमेर सिंह ने बताया कि गांव के 18 में से 3 बोरिंग को अनुपयोगी बता कर विभाग उनके कनेक्शन कटवा चुका है। बचे हुए 15 बोरिंग में से 12 बोरिंग भी लम्बे अर्से से बन्द पड़े हैं। कई महीनों से शेष 3 बोरिंग से ही गांव की आबादी को जलापूर्ति की जा रही थी, लेकिन गत सप्ताह इनमें से भी 2 बोरिंग खराब हो गए हैं। केवल 1 बोरिंग से इतने बड़े गांव की जलापूर्ति करने लायक पानी, टंकी में नहीं चढ़ पाता।
आपको बता दें कि नरहड़ गांव में कुल 6 हजार मतदाता हैं, जबकि आबादी लगभग 10 हजार मानी जाती है। इसके अलावा 5 हजार जायरीन व बाहर के लोग और कच्ची बस्तियों में रहने वाले खानाबदोश दरगाह परिसर में व आसपास के क्षेत्र में रहते हैं। देखा जाए तो करीब 15 हजार लोग आम तौर पर नरहड़ गांव में आबाद हैं। यही नहीं दरगाह क्षेत्र में कुल 28 गेस्ट हाउस बने हुए हैं, जो कि हर गुरुवार – शुक्रवार को अपनी क्षमता के 70 प्रतिशत तक बाहर से यहां जियारत के लिए आने वाले लोगों की आमदरफ्त से गुलजार रहते हैं। यानि सप्ताह में 2 दिन 10 हजार अतिरिक्त लोग भी नरहड़ पहुंचते हैं। ऐसे में आबादी का आंकड़ा 25 हजार तक चला जाता है।
लोगों में इस बात को लेकर जबर्दस्त आक्रोश था कि धार्मिक आस्था से जुड़े इस स्थान का महत्व जिले के अधिकारी नहीं समझ पा रहे और पूरे गांव की जलापूर्ति के लिए महज 1 बोरिंग को पर्याप्त मान लिया गया है। लोगों का कहना था कि 2 माह बाद नरहड़ दरगाह का सालाना उत्सव भी होगा और तब पानी की समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी।
सूचना पर पहुंचे अधिकारी
पम्प हाउस पर मौजूद लोगों के टंकी पर चढ़ने कीसूचना पर चिड़ावा तहसीलदार कमलदीप पूनिया, पीएचईडी चिड़ावा एईएन अशोक पलसानिया, जेईएन निशा कुमारी, नायब तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार आदि मौके पर पहुंचे। पानी की किल्लत से परेशान वहां मौजूद लोगों ने अधिकारियों को जम कर खरी-खोटी सुनाई। हालांकि अधिकारियों ने नरहड़ गांव में व्याप्त जल संकट के पूर्ण समाधान में फिलहाल असमर्थता जताई है।
वार्ता में कुछ बिन्दुओं पर बनी सहमति
बाद में पूर्व प्रधान निहाल सिंह रणवा की मध्यस्थता के बाद और पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में हुई वार्ता में अधिकारियों व ग्रामीणों के बीच कुछ बिन्दुओं पर सहमति बनी। जलदाय विभाग रोजाना 2 टैंकर पानी नरहड़ भेजेगा, जो पम्प हाउस के टैंक में खाली होंगे और उसके बाद वो पानी टंकी में चढ़ाया जाएगा, और फिर उसे सप्लाई किया जाएगा। इसके अलावा विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण ही अब मंगलवार को अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 20 एचपी की एक मोटर जलदाय विभाग को उपलब्ध करवाएंगे, जोकि आचार संहिता हटने तक पम्प हाउस की टंकी भरने के काम में ली जाएगी। आचार संहिता हटने के बाद गांव के जल संकट के बारे में उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार उचित समाधान का आश्वासन अधिकारियों ने ग्रामीणों को दिया है।
ये रहे मौजूद
नरहड़ के पम्प हाउस पर आज प्रेम देवी स्वामी, रोशनी, सावित्री, सुमन, बबली, संतोष, कमला, कृष्णा, राजबाला, सुलोचना, संगीता, सरोज, मुमताज बानो, मदीना, प्रवीण, रुखसाना, जुबेदा, फातिमा, हसीना बानो, सुमेर सिंह रणवा, कृष्ण जांगिड़, रामसिंह बगरानिया, फौजी सुरेश धायल, विवेक स्वामी, प्रवीण रणवा, रवि स्वामी, अनिल लमोरिया, उम्मेद स्वामी, फिरोज, अरशद, जमील खान, हंसराज नाई, लीलाधर स्वामी, नवाब खान आदि सैंकड़ों महिला-पुरुष ग्रामवासी विरोध जताने के लिए पहुंचे थे।