Sunday, August 10, 2025
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नरहड़ की लक्ष्मी को मिला 10 लाख का ड्रोन: ड्रोन दीदी योजना में ली थी ट्रेनिंग; खेतों में करेंगी यूरिया और पेस्टीसाइड्स का स्प्रे

प्रदेश में राजिवीका स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र सरकार की ड्रोन दीदी योजना के तहत ड्रोन दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मंगलवार शाम आयोजित कार्यक्रम में नरहड़ निवासी लक्ष्मी अशोक कुमावत को चंबल फर्टिलाइजर्स व केमिकल्स लिमिटेड द्वारा ड्रोन दिया गया है। ड्रोन का बाजार मूल्य लगभग 10 लाख रुपए है।

ड्रोन दीदी लक्ष्मी कुमावत ने बताया कि इस ड्रोन की मदद से वे खेतों में यूरिया और पेस्टीसाइड्स का स्प्रे करेंगी। इसके प्रयोग से फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी साथ ही समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि ड्रोन के स्टोरेज टैंक की क्षमता 10 लीटर है, और इससे एक बार में 8 लीटर तक पेस्टिसाइड्स का छिड़काव कर सकता है और एक बार चार्ज करने के बाद लगातार 20 मिनट तक इससे स्प्रे हो पायेगा।

क्या है ड्रोन दीदी योजना

महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से और सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। यह योजना भारत सरकार का एक इनोवेटिव प्रयास है। इस योजना के अंतर्गत सरकार महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण, ड्रोन के रखरखाव से जुड़ा प्रशिक्षण दे रही है। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही किसान की कृषि लागत में कमी करके उपज में बढ़ोतरी करना भी योजना के मूल उद्देश्यों में शामिल है।

स्कीम के अंतर्गत 10 से 15 गांवों के क्लस्टर में एक महिला को ड्रोन सखी के रूप में चुना जाएगा और ड्रोन सखी के रूप में चयनित महिला को 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये महिलाएं ड्रोन के जरिए खेतों में यूरिया और पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करेंगी। इसके अलावा इन महिलाओं को 15 हजार रुपये का वेतन भी दिये जाने पर विचार किया जा रहा है। स्कीम का लाभ केवल निम्न आर्थिक वर्ग से जुड़ी महिलाएं ही उठा सकती हैं। स्कीम का लाभ उन्हीं महिलाओं को दिया जाएगा जो कृषि गतिविधियों में शामिल हैं।

ये रहे मौजूद

चंबल फर्टिलाइजर्स व केमिकल्स लिमिटेड कम्पनी की ओर से ड्रोन दिए जाते वक्त नरहड़ में जिला परिषद सदस्य डाॅ. विनीता रणवा, नरहड़ दरगाह फाउंडेशन निदेशक शाहिद पठान, समाजसेवी सुमेर सिंह रणवा, अजय रणवा, कम्पनी के स्थानीय प्रतिनिधि अनिल नूनिया, महेश, नागेश-अशोक कुमावत, अंबुजा फाउंडेशन से कल्पना, नरेश, अनिता, सुनीता, पिंकी आदि मौजूद रहे।

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