बीजापुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के दक्षिणी हिस्से में नक्सलियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए बड़ा हमला किया है। सोमवार दोपहर को नक्सलियों ने मुठभेड़ से लौट रहे जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों के पिकअप वाहन को विस्फोटक से उड़ा दिया। इस कायराना हमले में सात जवानों के शहीद होने की खबर है। घटना के बाद सुरक्षाबलों की एक विशेष टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि घायल जवानों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है।
नारायणपुर से लौट रहे थे जवान
सूत्रों के अनुसार यह वारदात बीजापुर जिले के कुटरू-बेदरे मार्ग पर अमेली के निकट हुई। रविवार को नारायणपुर में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद जवान वहां से लौट रहे थे। चार दिनों तक जंगल में पैदल गश्त करने के बाद थके हुए जवान पिकअप वाहन में सवार थे। विस्फोट के समय वाहन में करीब 20 जवान मौजूद थे।
बलिदानी जवान: प्रधान आरक्षक सन्नू कारम
इस हमले में प्रधान आरक्षक सन्नू कारम शहीद हो गए, जो पूर्व में नक्सली थे और 2017 में आत्मसमर्पण करने के बाद 2019 में डीआरजी में शामिल हुए थे। वे कई सफल अभियानों में अपनी भूमिका निभा चुके थे।
पांच नक्सलियों के शव बरामद
रविवार की मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने दो महिला नक्सलियों सहित कुल पांच वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। सोमवार को एक और पुरुष नक्सली का शव मिला है। पुलिस ने बताया कि मारे गए नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के पीएलजीए प्लाटून नंबर 32 के वरिष्ठ कैडर हो सकते हैं।
अत्याधुनिक हथियार बरामद
मुठभेड़ स्थल से एके-47, सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) और अन्य अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए हैं।
चार जिलों की टीमें ऑपरेशन में जुटीं
दक्षिण अबूझमाड़ में चल रहे इस बड़े अभियान में दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव जिलों की डीआरजी और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीमें शामिल हैं।
नक्सली हमलों का लंबा इतिहास
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले कोई नई बात नहीं हैं। वर्ष 2010 में नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के जवानों पर भीषण हमला किया था, जिसमें 75 जवान शहीद हो गए थे।