झुंझुनूं, 21 मई: धमकी और कर्ज से परेशान होकर नवलगढ़ के एक कैफे संचालक, अमित खिचड़ (24), ने आत्महत्या कर ली। मौत से पहले उसने एक वीडियो बनाया और अपने दोस्त को भेज दिया। वीडियो में अमित ने कहा, “मैं बहुत परेशान हूं। रुपए मांगने वाले मेरे घर आ रहे हैं। इसलिए अपनी जान दे रहा हूं।” यह घटना 21 मई को झुंझुनूं के नवलगढ़ में हुई।
अमित के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। उसने परिचितों से उधार लेकर 11 लाख रुपए उधार दिए थे, जिनके बदले में उसे धमकियां मिल रही थीं।
घटना का विवरण
अमित, जो कि नवलगढ़ के कुमावास गांव का निवासी था, 21 मई की शाम को अपने कैफे में दोस्तों के साथ बैठा था। उसने सीकर जाने की बात कहकर कैफे से निकला और सीकर रोड पर एमएम मैरिज गार्डन के पास अपनी कार में बैठकर वीडियो बनाया। वीडियो में उसने सल्फास की गोलियां भी दिखाईं। जहर खाने के बाद उसने अपने दोस्त अशोक को वीडियो भेजा, जिसने तुरंत मौके पर पहुंचकर उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां से उसे जयपुर रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सुसाइड नोट का खुलासा
अमित के मामा, महेश कुमार, ने बताया कि अमित ने अपनी गारंटी पर 11 लाख रुपए संजय खेदड़ और सुनील ढेवा को उधार दिए थे। अमित ने जब उनसे रुपए वापस मांगे तो उसे धमकियां दी गईं। सुसाइड नोट में अमित ने लिखा है, “सुनील व संजय के पास मेरे 11 लाख रुपए हैं। उनसे मांगता हूं तो वो नहीं दे रहे हैं। उनकी वजह से परेशान हूं। सुनील का भाई मुझे मारने तथा झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा है।”
पुलिस कार्रवाई
नवलगढ़ पुलिस इंस्पेक्टर अशोक चौधरी ने बताया कि सुसाइड के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और सुसाइड नोट और वीडियो की जांच की जा रही है। अमित के परिवार ने निष्पक्ष जांच और मोबाइल डिटेल निकालकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आत्महत्या के पहले बनाए वीडियो
अमित ने आत्महत्या से पहले तीन वीडियो बनाए थे, जिनमें उसने अपने परिवार और दोस्तों से माफी मांगी और अपने दुख का बयान किया। उसने वीडियो में कहा, “मेरी पैंट की पिछली जेब की राइट साइड में सब कुछ लिखित में पड़ा है। गोली खाते समय सुनील को वीडियो कॉल करके दिखाऊंगा।”
मेले के झूले खरीदने के लिए दी थी रकम
अमित ने आरोपियों को झूले खरीदने के लिए 11 लाख रुपए उधार दिए थे। संजय और सुनील ढेवा नवलगढ़ के निवासी हैं और टेंडर पर मेले लगवाने का काम करते हैं। अमित ने मेले में पार्टनरशिप की थी और झूले खरीदने के लिए आरोपियों को रकम दी थी, लेकिन उसे न झूले मिले और न ही रुपए वापस मिले।
परिवार की मांग
अमित के परिवार ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अमित को धमकियों और कर्ज के दबाव के चलते आत्महत्या करनी पड़ी। परिवार ने पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना समाज के लिए एक गंभीर संदेश है कि कैसे कर्ज और धमकियां किसी की जिंदगी को खत्म कर सकती हैं। पुलिस और समाज को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्पर रहना चाहिए।