मंड्रेला: कस्बे के वॉर्ड 25 में चल रही श्री बाल लच्छीराम श्रेणी रामलीला के तीसरे दिन का मंचन दर्शकों के लिए अविस्मरणीय रहा। मंच पर धनुष यज्ञ, सीता-राम की पहली भेंट, परशुराम-लक्ष्मण संवाद और रावण की नाटकीय एंट्री ने दर्शकों की सांसें थाम दीं। जब भगवान श्रीराम ने शिवधनुष तोड़ा, पूरा मैदान जय श्रीराम के नारों और तालियों से गूंज उठा।
शिवधनुष भंग से गूंजा पंडाल
कथा के तीसरे दिन मंचन में दिखाया गया कि पुष्प वाटिका में माता सीता और श्रीराम की पहली भेंट होती है। इसके बाद जनकपुरी में स्वयंवर के दौरान राजा जनक की शर्त के अनुसार, श्रीराम ने शिवधनुष को सहजता से भंग कर दिया। धनुष टूटते ही मैदान में जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठे और दर्शक रोमांचित हो गए।
परशुराम-लक्ष्मण संवाद बना आकर्षण
धनुष भंग की ध्वनि सुनकर परशुराम सभा में पहुंचे और क्रोधित स्वर में चुनौती दी। इसके बाद मंच पर लक्ष्मण और परशुराम का तीखा संवाद हुआ, जिसने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कलाकारों ने संवाद अदायगी से मंच को जीवंत कर दिया।
रावण की एंट्री ने बांधा समां
तीसरे दिन का सबसे रोमांचक क्षण तब आया जब रावण की भूमिका निभा रहे चंदन जांगिड़ ने मंच पर प्रवेश किया। उनकी दमदार आवाज़, जोशीले डायलॉग और शाही चाल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब उन्होंने शिवधनुष उठाने की कोशिश की और अंगुली दब गई, तो पूरा पंडाल ठहाकों और तालियों से गूंज उठा।
दर्शकों की भीड़ से बढ़ा उत्साह
रामलीला समिति के सदस्यों ने बताया कि दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आगामी मंचनों में और भी रोमांचक प्रसंग, झांकियां और भव्य दृश्य प्रस्तुत किए जाएंगे। दर्शक अब उत्सुकता से अगले मंचन का इंतजार कर रहे हैं।