नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजधानी में अवैध प्रवासियों को बसाने और फर्जी आधार कार्ड बनवाने के गंभीर आरोपों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच इन मुद्दों पर तीखी बहस छिड़ गई है। इस विवाद ने चुनावी तैयारियों के साथ-साथ दिल्ली की कानून व्यवस्था को भी चर्चा में ला दिया है।
स्मृति ईरानी का आरोप: अवैध प्रवासियों को बसाने में आप की संलिप्तता
बीजेपी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आप पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अवैध प्रवासियों को बसाने में मदद कर रही है। ईरानी ने खुलासा किया कि दिसंबर 2024 में संगम विहार पुलिस स्टेशन में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।
उन्होंने बताया कि रोहिणी के सेक्टर-5 में एक दुकान से फर्जी आधार कार्ड बनाने का मामला सामने आया था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी रंजीत और अफरोज ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इन दस्तावेजों के निर्माण में नकली जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया था।

आप विधायकों के साइन और स्टांप पर सवाल
स्मृति ईरानी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जांच के दौरान जब्त किए गए लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक लैब में जांच की गई। इसके परिणामस्वरूप 26 आधार अपडेट दस्तावेजों में आप के विधायकों के हस्ताक्षर और स्टांप पाए गए। उन्होंने दावा किया कि इन दस्तावेजों पर आप विधायक मोहिंदर गोयल और जय भगवान के साइन और स्टांप मौजूद थे।
ईरानी ने कहा, “आप के दो विधायक मोहिंदर गोयल और जय भगवान अवैध प्रवासियों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाने की साजिश में शामिल हैं।” उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली पुलिस ने इन विधायकों और उनके स्टाफ सदस्यों को पूछताछ के लिए दो नोटिस भेजे हैं, लेकिन वे अभी तक पुलिस के सामने पेश नहीं हुए हैं।
आरोपी रंजीत और अफरोज की भूमिका
बीजेपी नेता ने जानकारी दी कि रंजीत और उसके सहयोगी अफरोज ने अधिकृत आधार केंद्र के माध्यम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए, ताकि अवैध रूप से आधार कार्ड बनाए जा सकें। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से आप विधायकों के नाम सामने आए।
आम आदमी पार्टी की चुप्पी पर सवाल
स्मृति ईरानी ने आम आदमी पार्टी के नेताओं की चुप्पी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता मीडिया से बातचीत करने में हमेशा तत्पर रहते हैं, वे इस गंभीर मुद्दे पर खामोश क्यों हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि ये अवैध अप्रवासी कौन हैं जिन्हें बसाने में मदद की गई और क्या इसका उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करना है?