नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है। लगभग 27 वर्षों के बाद, भाजपा दिल्ली की सत्ता में लौट रही है। इस चुनाव में जहां भाजपा को 48 सीटों पर बढ़त मिल रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) 22 सीटों पर आगे है। हालांकि, भाजपा ने पहले ही 8 सीटें जीत ली हैं और आम आदमी पार्टी ने 9 सीटों पर कब्जा किया है। इस बीच, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि खुद केजरीवाल अपनी सीट हार गए हैं, जो कि पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा धक्का है।
इस जीत के बाद दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने चुनावी परिणामों के बाद सुरक्षा चिंताओं और दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर कुछ अहम निर्देश दिए हैं।

सुरक्षा कारणों से जारी हुआ आदेश
दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि चुनाव परिणामों के बाद किसी भी प्रकार के फाइल, दस्तावेज, और कंप्यूटर हार्डवेयर को दिल्ली सचिवालय परिसर से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है, जब तक विभाग की अनुमति न हो। इस आदेश का उद्देश्य चुनावी परिणामों के बाद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक फाइलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि फाइलों और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं, ताकि कोई भी संवेदनशील जानकारी न चोरी हो और कोई गड़बड़ी न हो। प्रशासन के इस कदम को सुरक्षा संबंधी चिंताओं और चुनावी परिणामों के बाद की स्थिति के मद्देनजर उठाया गया कदम माना जा रहा है।
General Administration Department, Government of Delhi issues a notice.
— ANI (@ANI) February 8, 2025
"To address security concerns and the safety of records, it is requested that no files/documents, Computer Hardware etc. may be taken outside Delhi Secretariat complex without permission from GAD. It is… pic.twitter.com/VZU4CU5xpt
भा.ज.पा. की बढ़त, केजरीवाल की हार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों ने राजनीति की दिशा को बदल दिया है। भाजपा ने जहां 48 सीटों पर बढ़त बनाई है, वहीं आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर ही आगे चल रही है। भाजपा की यह जीत न केवल उनके लिए एक ऐतिहासिक पल है, बल्कि दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता की वापसी भी है।

अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए यह चुनाव एक बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट हार गए हैं। इसके साथ ही, उनकी पार्टी को दिल्ली में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है।