नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी कासिम को गिरफ्तार किया है। आरोपी मूल रूप से राजस्थान के मेवात क्षेत्र का रहने वाला है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कासिम दो बार पाकिस्तान गया था और वहां तीन महीने तक रुका, जहां उसे बाकायदा जासूसी की ट्रेनिंग दी गई।
पाकिस्तान से संचालित हो रहा था जासूसी नेटवर्क
जांच एजेंसियों ने बताया कि कासिम एक मौलवी है, और उसका जयपुर से भी कनेक्शन मिला है। वह सेना और सरकारी संस्थानों से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को भेजता था। कासिम ने पाकिस्तान में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें भारत में खुफिया जानकारी देने का प्रशिक्षण लिया था।

दिल्ली पुलिस की विशेष सेल को सितंबर 2024 में जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी कुछ भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल भारत में जासूसी के लिए कर रही है। जांच में यह भी सामने आया कि ये सिम कार्ड भारत से पाकिस्तान भेजे जा रहे थे, और इसमें भारतीय नागरिकों की संलिप्तता पाई गई।
PIOs को भारतीय सिम कार्ड मुहैया करवा रहा था कासिम
पुलिस के अनुसार, कासिम ने दिल्ली-एनसीआर के कुछ लोगों को भारतीय सिम कार्ड दिलवाए, ताकि वे व्हाट्सएप पर PIO (Pakistani Intelligence Operatives) से जुड़ सकें। इन सिम कार्ड्स के जरिए पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंट भारत के संवेदनशील ठिकानों की जानकारी इकट्ठा करते थे। कासिम ने भारत में कई लोगों को रेडिकलाइज भी किया, जिनकी तलाश अब पुलिस कर रही है।
कासिम के खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने कासिम को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है, जिससे जासूसी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी मिल सके। उसके फरार भाई पर भी ISI एजेंट होने का शक है, जिसकी तलाश की जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, कासिम ने पहली बार अगस्त 2024 में और दूसरी बार मार्च 2025 में पाकिस्तान की यात्रा की, और दोनों बार वह लगभग 90 दिनों तक वहां रहा।

हिमाचल प्रदेश से भी जासूस गिरफ्तार
इसी दिन, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी एक संदिग्ध जासूस को गिरफ्तार किया गया, जिसकी पहचान 20 वर्षीय अभिषेक भारद्वाज के रूप में हुई है। वह सुखाहर गांव का निवासी है और कॉलेज छोड़ चुका है। पुलिस ने बताया कि अभिषेक पर कुछ समय से निगरानी रखी जा रही थी और बुधवार को उसे उसके घर से हिरासत में लेकर देहरा थाने लाया गया।
जासूसी के पीछे गहरी साजिश की आशंका
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य एजेंसियों को शक है कि यह कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि एक संगठित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिसमें पाकिस्तान से सीधे निर्देश मिल रहे थे। इस नेटवर्क के अन्य स्लीपर सेल्स और सहयोगियों की तलाश अब तेज़ कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।