क्या था शिवसेना का बड़ा प्लान? किसने रोका ‘AAP’ के विधायकों को?
नई दिल्ली, 31 जनवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के मौजूदा विधायक शिवसेना के संपर्क में थे, लेकिन मतों के विभाजन से बचने के लिए उनकी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे। शिंदे का यह बयान न सिर्फ चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में एक बड़े ‘पलटवार’ की ओर भी इशारा कर रहा है।
दिल्ली में बीजेपी-शिवसेना की ‘खामोश’ चाल?
शिंदे ने कहा कि शिवसेना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन में है, और दोनों पार्टियों की विचारधारा एक जैसी है। इसलिए मतों के बंटवारे को रोकने और विपक्षी दलों को फायदा न देने के लिए उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने का फैसला टाल दिया।
शिंदे ने साफ कहा—
“AAP के मौजूदा विधायकों ने हमसे संपर्क किया था, लेकिन हम बीजेपी के साथ हैं। हमारा मकसद एक ही है—दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाना!”
‘दिल्ली में होगा शिवसेना का विस्तार!’
दिल्ली चुनाव में शिवसेना की रणनीति सिर्फ समर्थन तक सीमित नहीं है। शिंदे ने इशारा दिया कि उनकी पार्टी आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों में भी अपनी पकड़ मजबूत करेगी। उन्होंने कहा,
“राजस्थान में शिवसेना के तीन विधायक हैं और हम बाकी राज्यों में भी अपनी पैठ बनाना चाहते हैं।”
जेपी नड्डा से मिला था समर्थन का वादा?
सूत्रों के मुताबिक, करीब एक हफ्ते पहले एकनाथ शिंदे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर दिल्ली चुनाव में बीजेपी को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया था। शिंदे ने यह भी कहा कि शिवसेना की दिल्ली इकाई बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी अभियान में पूरी ताकत झोंक देगी।
दिल्ली में अकेले अजित पवार की एनसीपी!
दिल्ली चुनावी मैदान में अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अकेले उतर रही है। एनसीपी ने 30 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। दूसरी ओर, महायुति गठबंधन के सहयोगी रामदास अठावले की पार्टी भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है।
सस्पेंस गहराया—क्या AAP में होगी बड़ी टूट?
शिंदे का यह दावा दिल्ली की राजनीति में एक नया सियासी भूचाल ला सकता है। सवाल उठ रहे हैं—
- कौन थे वे ‘AAP विधायक’ जो शिवसेना के संपर्क में थे?
- क्या दिल्ली में AAP को बड़ा झटका लग सकता है?
- शिवसेना और बीजेपी की यह ‘खामोश रणनीति’ क्या आने वाले चुनावी नतीजों को बदल देगी?
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आम आदमी पार्टी इस खुलासे पर कोई प्रतिक्रिया देगी या फिर यह मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ जाएगा। फिलहाल, दिल्ली का सियासी तापमान अपने चरम पर है, और आगे क्या होगा—इसका जवाब सिर्फ समय ही देगा!