क्या यादव-मुस्लिम समीकरण से बीजेपी-कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी?
नई दिल्ली, 31 जनवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में अचानक सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुनावी जोड़ी ने माहौल गर्मा दिया है। अखिलेश यादव दिल्ली की मुस्लिम और यादव बहुल सीटों पर रोड शो और जनसभाएं कर रहे हैं।
बड़ा सवाल यह है—क्या यह गठबंधन दिल्ली में कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगा, या बीजेपी के गणित को ध्वस्त करेगा? क्या अखिलेश और केजरीवाल की ‘गुप्त रणनीति’ किसी बड़े चुनावी उलटफेर की तैयारी है?
सियासी समीकरण: दिल्ली में ‘MY’ फैक्टर की एंट्री
सूत्रों के मुताबिक, रिठाला, किराड़ी, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली की करीब दो दर्जन सीटों पर मुस्लिम और यादव वोटर्स का खासा प्रभाव है। अखिलेश यादव यहां ‘MY (मुस्लिम-यादव) फैक्टर’ को मजबूत करने में जुटे हैं।
- योजना साफ है: कांग्रेस को इन सीटों पर कमजोर किया जाए, ताकि बीजेपी को फायदा न हो।
- रोड शो के जरिए अखिलेश यादव सीधे यूपी के प्रवासी वोटर्स से कनेक्ट कर रहे हैं।
‘झाड़ू’ के समर्थन में अखिलेश—यूपी का कर्ज चुका रहे?
गुरुवार को अखिलेश यादव ने किराड़ी विधानसभा में अरविंद केजरीवाल के साथ रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने झाड़ू हाथ में लेकर जनता से AAP को वोट देने की अपील की।
उन्होंने कहा—
“बीजेपी को हराने के लिए हर वोट आम आदमी पार्टी को मिलना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के लिए बेहतरीन काम किया है। यह मॉडल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है।”
दिल्ली में कांग्रेस और AIMIM के बीच नया खेल?
दिल्ली चुनाव में जहां कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है।
- AIMIM ने ओखला, करावल नगर, रोहतास नगर और शाहदरा जैसी सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर AAP को चुनौती दी है।
- AAP को इन सीटों पर नुकसान न हो, इसलिए अखिलेश यादव को प्रचार में उतारा गया।
क्या अखिलेश और केजरीवाल की दोस्ती कांग्रेस के लिए खतरा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गठबंधन दिल्ली में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है।
- अखिलेश यादव ने 2022 यूपी चुनाव और लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सहयोग दिया था।
- अब अखिलेश दिल्ली में AAP के लिए प्रचार कर पुराने कर्ज को चुका रहे हैं।
सस्पेंस बरकरार—कौन बनेगा दिल्ली का ‘किंगमेकर’?
दिल्ली का चुनावी संग्राम अब निर्णायक मोड़ पर है। बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है, तो AAP ने अखिलेश यादव को शामिल कर ‘मास्टरस्ट्रोक’ खेला है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है—
- क्या अखिलेश यादव के समर्थन से अरविंद केजरीवाल की वापसी होगी?
- क्या कांग्रेस दिल्ली में पिछड़ जाएगी?
- या फिर बीजेपी इस गठबंधन को बेअसर कर अपनी जीत पक्की करेगी?
दिल्ली में सियासी भूचाल मचा हुआ है, और आने वाले दिनों में यह चुनावी रहस्य और गहरा सकता है।