नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर गुपचुप तरीके से वोट कटवाने का आरोप लगाया। केजरीवाल का कहना है कि भाजपा शाहदरा विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक महीने में 11,018 वोट कटवाने की एप्लीकेशन दे चुकी है, और यह सिलसिला अब भी जारी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा 1000-500 वोट कटवाने की एप्लीकेशन दे रही है, जिससे विधानसभा चुनावों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
वोट कटवाने की साजिश का आरोप
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भाजपा द्वारा की जा रही वोट कटवाने की कार्रवाई संदिग्ध है। उन्होंने बताया कि शाहदरा विधानसभा में 500 वोटरों में से 372 ऐसे लोग मिले जो वहीं रह रहे थे, जबकि भाजपा का दावा था कि ये लोग शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस लिस्ट में 75 प्रतिशत गड़बड़ी पाई गई है, और अधिकतर प्रभावित लोग आम आदमी पार्टी (आप) के वोटर हैं। उनका आरोप है कि इन वोटरों को जानबूझकर हटाया गया है ताकि आगामी चुनावों में भाजपा को फायदा हो सके।
चुनाव आयोग की भूमिका पर उठे सवाल
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि चुनाव आयोग को इन एप्लीकेशनों की लिस्ट को अपनी वेबसाइट पर डालना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग चोरी-छिपे भाजपा की एप्लीकेशनों पर काम कर रहा है और कार्रवाई नहीं कर रहा। केजरीवाल ने यह भी कहा कि आयोग की वेबसाइट पर केवल 487 एप्लीकेशनों का ही विवरण मौजूद है, जबकि भाजपा द्वारा 11,000 वोट काटने के लिए आवेदन किए गए हैं।
वोट कटवाने की एप्लीकेशनों का दायरा
केजरीवाल ने यह भी खुलासा किया कि दिल्ली के अन्य इलाकों में भी भाजपा की ओर से वोट कटवाने की एप्लीकेशनों की संख्या बढ़ रही है। जनकपुरी विधानसभा से भाजपा ने 6,000 वोटरों को हटाने की एप्लीकेशन दी है, संगम विहार से 5,000 वोटरों और आरके पुरम से 4,000 वोटरों को हटाने के लिए एप्लीकेशन प्राप्त हुई है। केजरीवाल ने यह बताया कि अगर यह सिलसिला जारी रहा और एक विधानसभा क्षेत्र से 6 प्रतिशत वोट काट लिए गए, तो विधानसभा चुनावों का क्या मतलब रह जाएगा?
नतीजों पर प्रभाव
केजरीवाल ने चेतावनी दी कि यदि भाजपा इस तरीके से वोट कटवाने की योजना को जारी रखती है, तो दिल्ली के विधानसभा चुनावों में लोकतंत्र की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। उन्होंने चुनाव आयोग से मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से कार्रवाई करने की मांग की है।