नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दिल्ली में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह से तीखे सवाल किए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली आज दुनिया की सबसे असुरक्षित राजधानी बन चुकी है, और हालात बेहद भयावह हो गए हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि लोग कह रहे हैं कि दिल्ली “रेप कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” और “गैंगस्टर कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” बन गई है, जो सुनने में भी भयावह लगता है।
दिल्ली की बढ़ती असुरक्षा पर गंभीर चिंता
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह से सवाल किया कि क्या दिल्ली अब उनके लिए संभाल नहीं पा रही है? उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार और अमित शाह की है, लेकिन आज मैं अफसोस के साथ कह रहा हूं कि वे इसे ठीक से करने में नाकाम हो गए हैं।” केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते अपराधों के संदर्भ में कहा कि आज सबसे अधिक परेशान दो वर्ग के लोग हैं – महिलाएं और व्यापारिक लोग।
दिल्ली में अपराध चरम पर है, गोलियाँ चल रहीं हैं, हत्याएं हो रहीं हैं। गृहमंत्री अमित शाह जी जवाब दें। AAP National Convenor @ArvindKejriwal जी की Press Conference LIVE https://t.co/cbB3FOOEw4
— AAP (@AamAadmiParty) November 28, 2024
नागलोई में व्यापारी की हत्या और सुरक्षा की स्थिति
केजरीवाल ने नागलोई के एक हालिया घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले रोशनलाल नामक एक व्यापारी ने अपनी दुकान खोली थी, तभी मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने गोलियां चलाकर उसे मार डाला। इस घटना ने दिल्ली के व्यापारियों में डर पैदा कर दिया है। केजरीवाल ने कहा, “मैं कल उन लोगों से मिलने गया, जो उस घटना के बाद परेशान थे, लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मुझे उनसे मिलने से रोक दिया।”
उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि उन्हें मिलने से क्यों रोका गया। “मुझे रोकने से क्या होगा?” केजरीवाल ने पूछा, “अगर दिल्ली की सुरक्षा और कानून व्यवस्था ठीक से काम कर रही होती, तो ना तो मुझे यह सवाल उठाने की जरूरत पड़ती, और ना ही मुझे नागलोई जाने की।”
केंद्र सरकार पर आरोप और चेतावनी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह से साफ तौर पर कहा, “केजरीवाल को मत रोकिए, क्राइम को रोकिए।” उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह और केंद्र सरकार अपना काम ठीक से कर रहे होते, तो दिल्ली की इस भयावह स्थिति में सुधार होता, और उन्हें दिल्ली में अपराध रोकने के लिए बार-बार सवाल नहीं उठाना पड़ता।