चिड़ावा, 12 मई 2025: शहर के वार्ड 17 स्थित अरडावतिया कॉलोनी में दिलीप कुमावत की हत्या के मामले में प्रशासनिक लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में ड्यूटी ऑफिसर एएसआई ओमप्रकाश नरुका को निलंबित कर दिया है। साथ ही चिड़ावा उप जिला अस्पताल द्वारा उपचार में देरी के आरोपों की जांच एसडीएम नरेश सोनी को सौंपी गई है।
हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली और चिकित्सा विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए थे। परिजनों का आरोप है कि घायल दिलीप को अस्पताल लाने के बाद उपचार में समय लिया गया और रेफरल प्रक्रिया में भी देरी हुई, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।

सूत्रों के अनुसार, चिड़ावा थाने में रात को घटना की सूचना मिलने के बावजूद प्राथमिक स्तर पर तेजी नहीं दिखाई गई। मौके पर पहुंचने और आवश्यक कदम उठाने में देरी हुई, जिससे पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठे।
उप जिला अस्पताल में भी घायल को प्राथमिक चिकित्सा देने और झुंझुनूं रेफर करने में अनावश्यक विलंब की बात सामने आई है। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एसडीएम नरेश सोनी को अस्पताल प्रशासन की भूमिका की जांच सौंपी गई है।
इस बीच, झुंझुनूं से एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने की खबर है, जिससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार, जांच प्रक्रिया के तहत सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड और तकनीकी साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रविवार रात दिलीप कुमावत अपने घर में सो रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। घायल को जयपुर ले जाते समय सीकर के पास उनकी मौत हो गई थी।

घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। परिजनों ने पूर्व में दर्ज पॉक्सो केस से जुड़ी रंजिश को हत्या का कारण बताया है। फिलहाल पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है।
प्रशासनिक लापरवाही सामने आने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि मामले में तेजी से प्रगति होगी और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।