चिड़ावा, 25 दिसंबर 2024: परमहंस पं. गणेशनारायण बावलिया बाबा का दिव्य संदेश जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से निकाली गई तेरहवीं परमहंस दिव्य संदेश यात्रा का समापन चिड़ावा के पोद्दार पार्क स्थित सनातन आश्रम में हुआ। सात दिनों तक चली इस यात्रा ने झुंझुनूं और नीमकाथाना जिले के 40 से अधिक गांवों और शहरों में जाकर बाबा के उपदेश और संदेश को लोगों तक पहुंचाया।
समापन पर हुआ महाआरती का आयोजन
यात्रा का शुभारंभ सनातन आश्रम स्थित परमहंस पीठ से हुआ था और यह अंतिम दिन चूड़ी अजीतगढ़ से होते हुए नूआ, झुंझुनूं, बगड़ से गुजरकर चिड़ावा पहुंची। समापन के दौरान परमहंस पीठ में महाआरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयकारों के बीच बाबा का प्रसाद वितरित किया गया।
यात्रा संयोजक पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने कहा कि अघोरी संत बावलिया बाबा ने पीड़ित मानवता के कल्याण और ईश्वर के निराकार स्वरूप की व्याख्या की। उन्होंने मानव मात्र को सत्य, प्रेम और सेवा का मार्ग दिखाया। तिवाड़ी ने कहा कि ऐसे संतों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
यात्रा के दौरान विभिन्न गांवों और शहरों में बाबा की आरती, मंगल पाठ, प्रवचन और साहित्य वितरण के कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय निवासियों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ इन कार्यक्रमों में भाग लिया।
समापन समारोह में मौजूद गणमान्य
इस मौके पर पूर्व पार्षद मुकेश जलिंद्रा, समाजसेवी सुरेंद्र सैनी, सियाराम शास्त्री, राजेंद्र सैन, सुरेश शेखावत, गिरधर गोपाल महमिया, दयाराम शर्मा, श्याम राणा, सुरेंद्र डांगी, ग्यारसीलाल भारतीय, सत्यनारायण शर्मा, मातादीन महर्षि, अंजनी कुमार तिवाड़ी, विक्रम सिंह, विकास जांगिड़, रत्तिराम राजोतिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
आध्यात्मिकता और सेवा का संगम
यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक थी, बल्कि यह समाज में आध्यात्मिकता, सेवा और सद्भाव का संदेश देने का माध्यम भी बनी। बाबा के उपदेशों ने लोगों को सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
तेरहवीं परमहंस दिव्य संदेश यात्रा के सफल आयोजन ने बाबा के अनुयायियों और श्रद्धालुओं के मन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया। आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का संकल्प लिया।