तमिलनाडु: तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शुक्रवार को अपने घर के बाहर छह बार खुद को कोड़े मारने का वादा निभाते हुए प्रदर्शन किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इससे पहले, अन्नामलाई ने गुरुवार को ऐलान किया था कि वह राज्य की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के हटने तक चप्पल नहीं पहनेंगे और नंगे पैर चलेंगे। यह कदम उन्होंने अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न की घटना पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उठाया।
द्रमुक सरकार पर गंभीर आरोप
अन्नामलाई ने द्रमुक सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी का सत्तारूढ़ पार्टी से संबंध है और इसी वजह से पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने कोयंबटूर में प्रेस से बातचीत के दौरान आरोपी की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वह द्रमुक नेताओं के साथ नजर आ रहा है। भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा का पदाधिकारी है और अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग कर अपराध को अंजाम देता रहा है।
आरोपी पर पहले से दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रेगुपति ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरोपी द्रमुक का प्राथमिक सदस्य नहीं है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी ज्ञानशेखरन पर पहले से ही 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपी ने पीड़िता को धमकाया था कि जब भी वह उसे बुलाएगा, उसे आना होगा।
#WATCH | Coimbatore | Tamil Nadu BJP president K Annamalai self-whips himself as a mark of protest to demand justice in the Anna University alleged sexual assault case. pic.twitter.com/ZoEhSsoo1r
— ANI (@ANI) December 27, 2024
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का कड़ा संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जीवाल को पत्र लिखकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आयोग ने कहा कि आरोपी आदतन अपराधी है और पहले भी इसी तरह के अपराधों में लिप्त रहा है। आयोग ने पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने की निंदा की और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल
आयोग ने पुलिस से आरोपी ज्ञानशेखरन के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रतियां और सभी मामलों में की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। साथ ही यह भी कहा कि पीड़िता की जानकारी उजागर करना भारतीय कानून का उल्लंघन है और संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।