पिलानी: विधानसभा क्षेत्र के ढंढारियां गांव में शिक्षा और विकास को लेकर बड़ी पहल देखने को मिली, जब भाजपा के युवा नेता राजेश दहिया ने राजकीय विद्यालय में नए कक्षा कक्ष के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने, ग्रामीण स्कूलों के सशक्तिकरण और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से सामने आई, जिससे ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला।
गुरुवार को पिलानी विधानसभा क्षेत्र के गांव ढंढारियां स्थित राजकीय विद्यालय परिसर में कक्षा कक्ष निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास किया गया। भाजपा नेता राजेश दहिया ने कहा कि राज्य की डबल इंजन सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकारी विद्यालयों को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष निर्माण से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान राजेश दहिया ने इस स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसका सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को मिल रहा है।

कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि ढंढारियां गांव में कक्षा कक्ष निर्माण के साथ-साथ स्कूल मरम्मत के लिए दो लाख रुपये की स्वीकृति, गांव में एक सड़क निर्माण, दो ट्यूबवेल, उचित मूल्य की दुकान सहित अन्य विकास कार्यों को भी मंजूरी मिली है। इन सभी कार्यों को लेकर ग्रामीणों ने भाजपा नेता राजेश दहिया के प्रति आभार जताया और सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों की सराहना की।
शिलान्यास कार्यक्रम में शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन से जुड़े कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मौके पर पिलानी सीबीईओ सुमन, ढंढारियां विद्यालय की प्रधानाचार्या किरण बरवड़, खुदानिया सरपंच अशोक पूनिया, खेड़ला सरपंच राम सिंह, घुमनसर सरपंच नरेंद्र धनखड़, बजावा विद्यालय के प्रिंसिपल महिपाल कठानिया, खुदानिया के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार, ताराचंद रायला और जागेश्वर नरहर मौजूद रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मातृ शक्ति और ग्रामीण नागरिकों की सहभागिता भी देखने को मिली।
ग्रामीणों और शिक्षकों का कहना है कि नए कक्षा कक्ष और अन्य विकास कार्यों से विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ेगी और शिक्षा का स्तर बेहतर होगा। यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।





