Friday, November 22, 2024
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टेक्सास में भीषण सड़क हादसे में चार भारतीयों की दर्दनाक मौत, पहचान के लिए डीएनए का सहारा

टेक्सास, अमेरिका: टेक्सास में एक भयानक सड़क हादसे में चार भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। यह हादसा शुक्रवार को हुआ, जब पांच वाहनों की एक भीषण टक्कर में एक एसयूवी में सवार चार भारतीय नागरिक आग की चपेट में आ गए और उनकी जलकर मौत हो गई। पीड़ितों की पहचान आर्यन रघुनाथ ओरमपति, फारूक शेख, लोकेश पलाचारला, और दर्शिनी वासुदेवन के रूप में हुई है।

कारपूलिंग के दौरान हुआ हादसा

रिपोर्ट्स के अनुसार, ये चारों लोग एक कारपूलिंग ऐप के जरिए एक साथ यात्रा कर रहे थे और अर्कांसस के बेंटनविले जा रहे थे। हादसे के समय, वे डलास से लौट रहे थे, जहाँ आर्यन रघुनाथ ओरमपति और उनके मित्र फारूक शेख अपने रिश्तेदारों से मिलकर वापस आ रहे थे। लोकेश पलाचारला अपनी पत्नी से मिलने बेंटनविले जा रहे थे, जबकि दर्शिनी वासुदेवन अपने चाचा से मिलने जा रही थीं।

भीषण हादसे का कारण और जांच

हादसे की प्राथमिक जांच में बताया गया है कि एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी एसयूवी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे वाहन में आग लग गई और उसमें सवार सभी लोगों की जलकर मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और दांतों व हड्डियों के अवशेषों पर निर्भर किया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों ने इस भयावह हादसे के पीड़ितों के शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग का सहारा लेने का निर्णय लिया है, जिसमें कुछ समय लग सकता है।

पीड़ित परिवारों की व्यथा

दर्शिनी वासुदेवन के पिता ने हादसे से पहले तीन दिन तक अपनी बेटी की तलाश में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने एक ट्वीट में अपनी बेटी का पता लगाने में सहायता की मांग की थी, जिसमें उन्होंने उसकी आखिरी यात्रा के विवरण भी साझा किए थे।

आर्यन रघुनाथ ओरमपति के पिता, सुभाष चंद्र रेड्डी, जो हैदराबाद स्थित मैक्स एग्री जेनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं, ने बताया कि आर्यन ने कोयंबटूर में अमृता विश्व विद्यापीठम से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की थी। उसके माता-पिता ने उसे दीक्षांत समारोह के बाद भारत लौटने का आग्रह किया था, लेकिन आर्यन ने अमेरिका में कुछ और समय काम करने की इच्छा जताई थी।

पहचान प्रक्रिया में देरी

अमेरिका में लंबे सप्ताहांत के कारण पहचान प्रक्रिया में देरी हो रही है, जिससे पीड़ितों के परिवारों की चिंता और बढ़ गई है। फारूक शेख के पिता मस्तान वली ने बताया कि फारूक तीन साल पहले अपनी एमएस की डिग्री पूरी करने के लिए अमेरिका गया था और हाल ही में उसने अपनी डिग्री पूरी की थी।

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